वाराणसी। प्रयागराज महाकुंभ के बाद लाखों श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह काशी में देखने को मिला है, जिससे शहर के कई प्रमुख इलाकों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। गणतंत्र दिवस की छुट्टी के दौरान काशी के गंगा घाटों से लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालुओं का भारी रेला उमड़ पड़ा। यह दृश्य सोमवार को भी देखने को मिला, जब रात से ही श्रद्धालुओं का तांता गंगा घाटों और श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन और पूजन के लिए बढ़ने लगा।
भीड़ इतनी अधिक थी कि प्रशासन की तमाम तैयारी के बावजूद भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई आई। अनुमान के मुताबिक, 10 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में गंगा स्नान करने के बाद काशी पहुंचे हैं, जिससे शहर के प्रमुख इलाकों में भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि वे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करें और किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
चरमराई बनारस की यातायात व्यवस्था
काशी के प्रमुख क्षेत्र जैसे गोदौलिया, मैदागिन, बुलानाला चौक, बांसफाटक, और गिरजाघर आदि पूरी तरह से जाम की चपेट में आ गए। इन इलाकों में गाड़ियों की लंबी कतारें और पैदल चलने वालों की भारी भीड़ के कारण लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानी महसूस कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जाम की समस्या के कारण वे समय पर दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे हैं और बच्चों को स्कूल भेजने में भी काफी देर हो रही है। सोशल मीडिया पर भी इस जाम की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसमें भीड़ की भयावहता दिखाई दे रही है।
भीड़ प्रबंधन की विफलता पर सवाल
काशीवासी प्रशासन की तैयारी पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहां साइकिल चलाना भी मुश्किल हो रहा था, वहां बड़ी गाड़ियां कैसे चलने दी जा रही हैं? प्रशासन के दावे जमीन पर पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। गोदौलिया से मैदागिन मार्ग पर पुलिस ने नो व्हीकल जोन के बैनर लगाए थे, लेकिन इसके बावजूद जाम की समस्या जस की तस बनी रही।
पुलिस और प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती
प्रयागराज महाकुंभ के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह काशी में देखने को मिल रहा है। इसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आला अधिकारियों के साथ गोदौलिया क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान आदेश दिया कि महाकुंभ के दौरान बड़े वाहनों को शहर के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ा किया जाए। इसके साथ ही, वीआईपी और प्रोटोकॉल गाड़ियों को भी गोदौलिया और मैदागिन मार्ग पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। केवल जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त विशिष्टजन ही इस मार्ग पर चारपहिया वाहन से जा सकते हैं।
पुलिस कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे श्रद्धालुओं से अच्छा बर्ताव करें और उनकी सुरक्षा में कोई भी कमी न हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जिन इलाकों में भारी भीड़ है, वहां पुलिसकर्मी सक्रिय रहें और भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय लागू करें।
मेडिकल सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्थाएं
इस बीच, जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को भी विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। गंगा घाटों और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास मेडिकल टीम को तैनात किया गया है ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति का तत्काल इलाज किया जा सके। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए जलकल, नगर निगम और अन्य विभागों को उनकी जिम्मेदारियां निभाने के लिए कहा गया है।
अधिकारियों ने इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को गंगा स्नान और दर्शन-पूजन में कोई असुविधा न हो और सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी न हो। प्रशासनिक अफसरों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की निगरानी व्यवस्था का जायजा लिया।
घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था
कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे घाटों पर बिना लाइफ जैकेट के किसी भी श्रद्धालु को नाव में न बैठने दें। पुलिस और प्रशासन दोनों ही इस बात पर विशेष ध्यान दे रहे हैं कि किसी भी श्रद्धालु की सुरक्षा से समझौता न किया जाए। इसके अलावा, अधिकारियों ने प्रमुख घाटों जैसे दशाश्वमेध, मान मंदिर, त्रिपुरा भैरवी, ललिता घाट, मणिकर्णिका घाट और श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भारी भीड़
बाबा कालभैरव मंदिर में दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। काशी के कोतवाल के दर्शन के लिए एक किमी लंबी लाइन लगी रही। गोदौलिया से लेकर विश्वनाथ धाम तक की पूरी क्षेत्र की व्यवस्था प्रभावित हो गई। श्रद्धालुओं ने "हर हर महादेव" के जयघोष के साथ कतारों में खड़े होकर मंदिर में दर्शन किया।