वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासनकाल में गाजा को 50 मिलियन डॉलर (करीब ₹4000 करोड़) की वित्तीय सहायता दी जा रही थी, जिसे नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रोक दिया है। व्हाइट हाउस प्रशासन ने इस फंडिंग को अनावश्यक बताते हुए कहा कि यह अमेरिकी करदाताओं के पैसे की बर्बादी थी।
व्हाइट हाउस की नई प्रेस सचिव का बड़ा खुलासा
व्हाइट हाउस की नई प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मीडिया के सामने अपनी पहली आधिकारिक बातचीत में इस खर्चे का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार के वित्तीय निगरानी विभाग DOGE और OMB ने पाया कि बाइडेन प्रशासन के दौरान गाजा में कंडोम और अन्य गर्भनिरोधक उपायों के लिए 50 मिलियन डॉलर आवंटित किए गए थे। प्रेस सचिव ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि ट्रम्प प्रशासन करदाताओं के पैसे की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा और इस तरह के अनावश्यक खर्चों को रोका जाएगा।
एलन मस्क के विभाग ने किया खर्चे का खुलासा
नवनियुक्त अमेरिकी प्रशासन में शामिल हुए एलन मस्क के विभाग DOGE ने इस फंडिंग का खुलासा किया है। एलन मस्क ने कहा कि यह खुलासा महज़ एक शुरुआत है और आने वाले समय में अन्य गैर-ज़रूरी खर्चों की भी समीक्षा की जाएगी।
बाइडेन प्रशासन के पूर्व अधिकारियों ने किया दावे का खंडन
बाइडेन प्रशासन के दौरान इस योजना से जुड़े रहे पूर्व अधिकारी एंड्रयू मिलर ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि 50 मिलियन डॉलर यौन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटित किए गए हों, जिनमें स्त्री रोग, गर्भनिरोधक दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हो सकती हैं, लेकिन यह राशि सिर्फ कंडोम के लिए नहीं दी गई थी।
सरकारी एजेंसी ने दी सफाई
इस फंडिंग की देखरेख करने वाली सरकारी एजेंसी ने स्पष्ट किया कि साल 2023 में इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक, पुरुष और महिला कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियों जैसी स्वास्थ्य सेवाओं पर कुल 60 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे। हालांकि, यह खर्च केवल गाजा के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर किया गया था।
गाजा और फिलिस्तीन को दी जाने वाली मदद पर रोक
ट्रम्प प्रशासन के सत्ता में आने के साथ ही गाजा और फिलिस्तीन को दी जाने वाली लगभग सभी वित्तीय सहायता को बंद कर दिया गया है। हालांकि, खाद्य आपूर्ति और मानवीय सहायता से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं पर रोक नहीं लगाई गई है। प्रशासन का कहना है कि यह फैसला इजरायल और हमास के बीच चल रहे समझौतों के बाद लिया गया है, जिससे अमेरिका की प्राथमिकताएं भी प्रभावित हुई हैं।