वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सरकारी जमीनों पर वक्फ बोर्ड के स्वामित्व के दावों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। तहसील और नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि जिले में 406 सरकारी संपत्तियों को वक्फ बोर्ड ने अपने रजिस्टर में दर्ज कर रखा है। इनमें सर्किट हाउस, कलेक्ट्रेट, कैंट क्षेत्र, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, और आबादी की जमीनें शामिल हैं। इन संपत्तियों पर मस्जिदों, मजारों, कब्रिस्तानों और इमामबाड़ों का निर्माण कर लिया गया है।
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वेक्षण
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के निर्देश पर राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण कराया। यह प्रक्रिया 27 दिसंबर 2023 को शुरू हुई, जब राजस्व विभाग के सचिव जीएस नवीन कुमार की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया गया। समिति में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक, अपर सर्वे आयुक्त मुस्लिम वक्फ उत्तर प्रदेश, और पीलीभीत के जिलाधिकारी को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
सरकार ने जिलों के जिलाधिकारियों से वक्फ संपत्तियों का विस्तृत ब्यौरा मांगा। सर्वेक्षण के दौरान वक्फ रजिस्टर की धारा 37 के तहत दर्ज संपत्तियों की जांच की गई, जिसमें पता चला कि इनमें से 406 संपत्तियां सरकार की हैं।
सर्किट हाउस की जमीन पर बना दिया मजार
सर्किट हाउस परिसर में राजस्व विभाग की जमीन पर बने एक मजार को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस मजार के आसपास पक्के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिन्हें रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन निर्माण कार्य जारी रहा।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बेसमेंट पार्किंग बनाने के लिए चिन्हित जमीन को भी वक्फ बोर्ड ने अपने रजिस्टर में दर्ज कर लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने यहां हो रही गतिविधियों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भी भेजी है।
खेत और बंजर जमीन पर वक्फ का दावा
भरथरा क्षेत्र में चार ऐसे भूखंडों की पहचान हुई, जिन्हें वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित किया था। हालांकि, सर्वेक्षण में पता चला कि इन जमीनों पर खेती होती है। वक्फ के रजिस्टर में इन संपत्तियों का सिर्फ क्रमांक दर्ज है, लेकिन उनके उपयोग का कोई विवरण मौजूद नहीं है।
छावनी क्षेत्र में चार भूखंडों को वक्फ बोर्ड ने कब्रिस्तान और दो अन्य भूखंडों को आबादी की जमीन घोषित किया है। मौके पर जांच करने पर इनमें से एक पर मकान और दूसरी पर मजार पाई गई, जबकि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार ये जमीनें राज्य सरकार की बंजर भूमि हैं।
जैतपुरा में रेलवे की जमीन पर कब्रिस्तान
जैतपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन को वक्फ बोर्ड ने अपने रजिस्टर में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज कर रखा है। इसी तरह, खजूरी क्षेत्र में अलरसीद मस्जिद के नाम पर एक पूरी कॉलोनी बसाई गई है।
लोक निर्माण विभाग की सड़क पर दरगाह
लोक निर्माण विभाग कार्यालय के मार्ग पर बनी अलाउद्दीन की मजार को भी वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति के रूप में दर्ज किया है। यह मजार सड़क पर बनी है, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
नदेसर में तालाब की जमीन पर मस्जिद
नदेसर क्षेत्र में सऊदी पैटर्न पर बनी जामा मस्जिद 90 फीट ऊंची मीनारों के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र है। सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि यह मस्जिद तालाब की जमीन पर बनाई गई है।
सरकारी विभागों की जमीनों पर दावे
वक्फ बोर्ड ने विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़ी 165 संपत्तियों को कब्रिस्तान के रूप में अपने रिकॉर्ड में दर्ज किया है। इनमें से अधिकतर जमीनें आबादी, सड़क, और बंजर भूमि हैं, जिन्हें वक्फ बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल कर लिया है।
एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान 406 ऐसी संपत्तियां पाई गईं, जो सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार राज्य सरकार की हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड ने उन्हें अपनी संपत्ति के रूप में दर्ज कर रखा है। उन्होंने कहा, "सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे, कार्रवाई शुरू की जाएगी।"