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सुसाइड नोट में लिखा ‘जय जगन्नाथ’, फिर गेस्ट हाउस के कमरे में लगा ली फांसी, उड़ीसा के श्रद्धालु ने काशी में की आत्महत्या
वाराणसी। उड़ीसा के श्रद्धालु भानुशंकर ने गंभीर बीमारियों से जूझते हुए वाराणसी के एक गेस्ट हाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वह अनाथ हैं और उनकी बीमारी लाइलाज है। भानुशंकर ने काशी को अपनी अंतिम सांसों के लिए चुना, और अपने नोट के अंत में "जय जगन्नाथ" लिखने के बाद फांसी का फंदा गले में डाल दिया।
भानुशंकर 16 सितंबर को काशी पहुंचे थे और इंग्लिशिया लाइन के गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। उन्होंने आत्महत्या से पहले दो बार काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। गुरुवार सुबह जब होटल स्टाफ ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया और कोई जवाब नहीं मिला, तब रीसैप्शन से फोन किया गया, लेकिन भानुशंकर ने कॉल नहीं उठाया।
इसके बाद होटल के मैनेजर ने पुलिस को सूचना दी, और दूसरी चाबी से दरवाजा खोला गया। कमरे के अंदर भानुशंकर फांसी पर लटके हुए मिले, और पास ही उनके बेड पर सुसाइड नोट रखा था। कमरे से कोई सामान नहीं मिला, और पुलिस ने उनके मोबाइल और अन्य चीज़ों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने बताया कि एक कमरे के भीतर से बंद होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंच मास्टर की से कमरे को खुलवाया गया, जिसमें भीतर फांसी के फंदे से लटकता हुआ शव मिला। मौके से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसकी जांच की जा रही है।
एसीपी ने आगे बताया कि गेस्ट हाउस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 16 सितम्बर को उक्त युवक वाराणसी में दर्शन पूजन के लिए आये हुए था। बुधवार की रात से वह कमरे से बाहर नहीं आए थे। पहले मैनेजमेंट ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, जब दरवाझा नहीं खुला, तब अनहोनी की आशंका में उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सुसाइड नोट से उड़ीसा के पुरी का एड्रेस मिला है, पुलिस परिजनों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है। परिजनों को सूचित कर आगे की कार्यवाही करेंगे।