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‘यदि जीत जाए इंडी गठबंधन’ सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो… बियाह में मुंह फुलाए फूफा बनेंगे कुछ तो कुछ फ़कीर की तरह झोला उठाए चल देंगे
Election Roast: लोकसभा चुनाव बीते 2 दिन बीत चुके हैं। इंडिया गठबंधन जीत चुका है। एक दशक से सत्ता का स्वाद चख रही भाजपा को अब विपक्षी दलों ने उखाड़ फेंका है। बसपा पिछले कई चुनावों की तरह एक बार फिर ‘न जीत की खुशी, न हार का गम’ के तर्ज पर मैदान से गायब हो चुकी है। निर्दलीय प्रत्याशी फिर से अगले चुनाव के तैयारियों में जुट चुके हैं।
इधर गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री बनने को लालायित हैं। इनमें आपसे में ही कुर्सी पर बैठने को उहा पोह की स्थिति है। इसी बीच कांग्रेस के चिर युवा नेता राहुल गांधी ने कोविड वैक्सीन और मोदी की योजनाओं पर जांच बैठा दी है और किसानों को आलू से सोना बनाने के लिए मशीन को धरातल पर लाने में जुट गए हैं। साथ ही जिस कोरोना वैक्सीन से लोगों को हार्ट अटैक की आशंका है, उस वैक्सीन के डोज को लोगों के शरीर से निकलवाने की जुगाड़ में वैज्ञानिकों की हाई लेवल मीटिंग बुलाए हुए हैं।
प्रियंका गांधी बिना चुनाव लड़े ही खुश हैं। साथ ही वह इस बात पर भी प्रसन्न हैं कि आलू से सोना बनाने वाली मशीन सबसे पहले उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के खेतों में लगेगी। सोनिया गांधी जो कि रायबरेली सीट छोड़कर संन्यास ले चुकी हैं, वह अब अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाकर इटली के लिए रवाना होने की तैयारी में हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी के आदेशों के पालन के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं। वो अब सोच रहे हैं कि चुनाव तो सम्पन्न हो गए, तो अब उनका अध्यक्ष पद पर बने रहना उचित होगा या नहीं? क्योंकि कांग्रेस के इतिहास के मुताबिक, तो यहां तो परम आदरणीय सोनिया जी और राहुल जी ही पारी बदलकर अध्यक्ष पद पर बने रहते हैं।
इधर अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ चुके हैं। वह लोगों को शराब पीने के फायदे बताते हुए नजर आ रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि शराब में अल्कोहल होता है, इससे बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक हो सकती है। सेनेटाइजर के बजाय दारू का ही प्रयोग करें, तो कोरोना क्या उसका बाप भी आ जाए, तो उसे भी भगाया जा सकता है। अरविंद केजरीवाल के इस काम में उनका भरपूर सहयोग उनके साथी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह दे रहे हैं। इसके अलावा दारू बनाने की फैक्ट्री की देख-रेख उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल कर रही हैं।
बंगाल में ममता बनर्जी भी खूब भाजपाइयों को कोस रही हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर जय श्री राम को प्रतिबंधित कर दिया है। मंदिरों से लाउडस्पीकर हटवाकर मस्जिदों पर टंगवा दिया है। उन्होंने एक विशेष धर्म का समर्थन करने को कहा है।
अखिलेश यादव इधर चिंतामुक्त हैं। क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें केंद्र में नहीं बल्कि राज्य में सरकार बनानी है। वो पहले की तरह ही राज्य की योगी सरकार पर जुबानी हमले करते रहेंगे। उनकी लड़ाई अभी 2027 तक जारी रहेगी। जब तक कि वह योगी सरकार को उखाड़ नहीं फेंकते।
लालू यादव शादी में आए फूफा की तरह मुंह फुलाए बैठे हैं। क्योंकि किसी ने अभी तक उनके सजा को समाप्त कराने के बारे में नहीं सोचा। खैर, जेल जाना आना तो लगा रहता है। लालू एक बार फिर से चारा जुगाड़ में लगे हुए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी पशु चारा विहीन रह जाते हैं, वह उनके घर में आकर चारा ग्रहण कर सकें।
दूसरी ओर नरेंद्र मोदी झोला उठाकर हिमालय की ओर जाने की जुगत में हैं। लेकिन उन्हें यह भी डर सता रहा है कि कहीं इंडिया गठबंधन के लोग उनकी कोई पोल न खोल दें। कहीं ऐसा न हो कि किसी केस में उन्हें जेल भेज दिया जाय। मोदी को बस एक ही डर सता रहा है। लेकिन अमित शाह उन्हें आश्वासन दे रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं होगा आप बस फकीर बन झोला उठाकर चल दीजिए।
इन सभी के बीच जो लोग इस बार के चुनाव में गठबंधन बनाकर जीते, सबमें बस दूल्हा बनने की चाह है। चुनाव सम्पन्न हुए 2 दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं हो सका है।
तभी पीछे से दोस्त की आवाज़ आई, अबे उठ चुनाव नामांकन का कवरेज करने चलना है। ना जाने कितना सोता है, कि दिन में भी नींद आती है। अभी कवरेज करना है फिर इनकी न्यूज़ भी लिखनी है। नींद से उठते ही में स्वयं को कोसने लगा, विपक्ष के किसी चिर युवा को प्रधानमंत्री देखना स्वप्न ही रह गया।
मायूस हो कर मोबाइल पर न्यूज़ चलाया, देखा अभी तो प्रचार ही चल रहा था। राहुल गांधी अभी भी पूरे कांग्रेस का कुली नं० 1 बनकर ढो रहे थे। सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें वे अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। उधर मोदी हर बात में कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं। तो वहीँ इंडिया गठबंधन व NDA के समस्त घटक दल अपने क्षेत्र में वोटरों को साधने में जुटे हुए हैं।