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वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: वारदात के 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, राजेंद्र के भतीजे विक्की पर 25 हजार का इनाम घोषित; पूरे परिवार को उतारा था मौत के घाट
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में हुए राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार की निर्मम हत्या के 15 दिन बाद भी पुलिस हत्यारे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की तक नहीं पहुंच पाई है। अब डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने विक्की पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया है। पुलिस की दस टीमें यूपी, बिहार और अन्य राज्यों में तलाश कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।
पुलिस अब तक इन पहलुओं पर कर चुकी जांच
• विक्की के बहनोई, दादी और भाई से पूछताछ हो चुकी है, लेकिन कोई अहम जानकारी हाथ नहीं लगी।
• दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई समेत कई शहरों में तलाश के बाद टीमें वापस लौट चुकी हैं।
• तमिलनाडु में विक्की के चार दोस्तों और एक गर्लफ्रेंड से पूछताछ जारी है। ये सभी विक्की के करीबी माने जाते हैं।
• विक्की का फोन 23-24 अक्टूबर की रात से स्विच ऑफ है। पुलिस को शक है कि वह बार-बार नया नंबर लेकर अलग-अलग शहरों से संपर्क करता था।
हत्या का घटनाक्रम
• 5 नवंबर को राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, बेटे नवनेंद्र और सुबेंद्र, और बेटी गौरांगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
• राजेंद्र का शव रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में उनके निर्माणाधीन मकान से मिला।
• बाकी परिवार के शव भदैनी स्थित पांच मंजिला मकान में पाए गए।
• पुलिस के अनुसार हत्या में .32 बोर की पिस्टल और दो मैगजीन का इस्तेमाल किया गया।
हत्या के पीछे विवाद?
पुलिस पुराने पारिवारिक विवादों और घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। मृतक राजेंद्र गुप्ता पहले अपने पिता, छोटे भाई और एक चौकीदार की हत्या के आरोप में जेल जा चुके थे।
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पुलिस की आशंकाएं
• पुलिस को शक है कि विक्की ने अकेले ही यह हत्याकांड अंजाम दिया।
• सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर विक्की के साथ किसी और की मौजूदगी का संकेत नहीं मिला है।
• पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि हत्यारे ने राजेंद्र को सिर और सीने में तीन गोलियां मारी थीं।
• पुलिस अब 10-12 फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखकर नई रणनीति पर काम कर रही है।
• हत्या के इतने दिन बाद भी कोई ठोस सुराग न मिलना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।