लखनऊ। राजधानी लखनऊ में तैनात एक GST अधिकारी पर दहेज के नाम पर एक करोड़ रुपये की मांग करने का गंभीर आरोप लगा है। युवती के पिता द्वारा लगाए गए इन आरोपों के बाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर लखनऊ पुलिस ने संबंधित अधिकारी और उसके परिवार के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है।
आरोप है कि गाजियाबाद में तैनात GST अधिकारी सचिन सिंह और उनके परिवार ने पहले तो युवती के परिवार से 51 लाख रुपये और एक क्रेटा कार लेने की सहमति जताई थी। लेकिन इसके कुछ समय बाद दूल्हे और उसके परिजनों ने दहेज की रकम को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया और रिश्ता तोड़ने की धमकी दी।
पीड़िता के पिता संजय सिंह, जो आजमगढ़ के तरवा भिलिहिली के निवासी हैं, उन्होंने जब पुलिस से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई और कहीं से राहत नहीं मिली, तो उन्होंने अंततः हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर चिनहट थाने में 2 मई को FIR दर्ज की गई। यह मामला GST अधिकारी सचिन सिंह, उनके पिता विनोद सिंह और गोरखपुर के एडीएम विनीत सिंह समेत पूरे परिवार के खिलाफ दर्ज किया गया है।
FIR में संजय सिंह ने बताया कि 20 अप्रैल 2024 को गोरखपुर में विनीत सिंह के आवास पर 30 लाख रुपये नकद दिए गए थे। इसके बाद उसी दिन आजमगढ़ के एक होटल में तिलक और गोदभराई समारोह भी संपन्न हुआ। शादी के लिए तारीख 23 नवंबर 2024 तय की गई थी, और समारोह के लिए लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 2.52 लाख रुपये की अग्रिम बुकिंग भी कराई गई थी।
संजय सिंह का आरोप है कि बाद में दूल्हे के परिवार ने 50 लाख रुपये अतिरिक्त की मांग की और साफ शब्दों में कहा कि जब तक पूरी राशि नहीं मिलेगी, शादी नहीं होगी। इतना ही नहीं, आरोपियों ने दूसरी जगह रिश्ता तय कर लिया और 8 मई को लखनऊ में ही GST अधिकारी सचिन सिंह की शादी होने जा रही है।
संजय सिंह का कहना है कि जिस युवती से अब विवाह तय हुआ है, वह एक न्यायिक अधिकारी की बेटी है। इस घटनाक्रम से उनकी बेटी को मानसिक आघात पहुंचा है, वहीं परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि शादी के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं और अब उनकी बेटी असमंजस की स्थिति में है। उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई है कि 8 मई को होने वाली शादी रोकी जाए।
इस पूरे मामले पर जब आरोपित पक्ष से संपर्क किया गया, तो GST अधिकारी के भाई और गोरखपुर के ADM विनीत सिंह ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि शादी करीब छह महीने पहले ही टूट चुकी थी और इसका कारण लड़की वालों का असहयोगात्मक व्यवहार था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके परिवार ने कभी कोई दहेज नहीं मांगा और अब जब शादी किसी अन्य जगह तय हो चुकी है, तब झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल, लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के बाद जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।