वाराणसी में बतौर जिलाधिकारी और कमिश्नर छह वर्षों तक प्रशासनिक कमान संभालने वाले वरिष्ठ IAS अधिकारी कौशल राज शर्मा को अब तीन साल के लिए दिल्ली प्रतिनियुक्त किया गया है। इससे पहले 14 दिन पहले ही उनका ट्रांसफर यूपी में बतौर सचिव हुआ था।
यूपी में शासन के ओर से कौशल राज शर्मा को सचिव नियुक्त किया गया था, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कौशल राज का दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर जाना पहले से ही तय माना जा रहा था। इसी कारण उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई ठोस जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। अब उन्हें AGMUT कैडर के अंतर्गत दिल्ली बुलाया गया है, जहां उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाले जाने की संभावना जताई जा रही है।
कई सूत्र इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में वर्तमान समय में यूपी कैडर का कोई अधिकारी कार्यरत नहीं है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कौशल राज शर्मा को PMO में निदेशक पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, खासकर उत्तर प्रदेश से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए। इसके अलावा, एक और संभावना यह भी है कि उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव की भूमिका दी जा सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले वाराणसी के पूर्व कमिश्नर दीपक अग्रवाल को भी सीधे दिल्ली में अहम पद पर बुलाया गया था। वे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में गिने जाते थे। कौशल राज शर्मा को भी प्रधानमंत्री के करीबी और विश्वासपात्र अफसरों की सूची में रखा जाता है। उनके हालिया ट्रांसफर को भी इसी उच्चस्तरीय राजनीतिक पसंद से जोड़ा जा रहा है।
कौशल राज शर्मा का प्रशासनिक करियर लगातार उथल-पुथल और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से भरा रहा है। वाराणसी के जिलाधिकारी के तौर पर कौशल राज शर्मा ने 2 नवंबर 2019 को कार्यभार संभाला और तत्काल ही 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण में मा. उच्चतम न्यायालय के आने वाले आदेश के दृष्टिगत वाराणसी में शांति व्यवस्था कायम करने के प्रयास प्रारंभ कर दिये।
उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता दिखाते हुए सभी संस्थाओं, समुदायों, गणमान्य नागरिकों व शांति समितियों को सक्रिय किया। तत्पश्चात दिसम्बर- 2019 से सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए- एनआरसी) लागू होने की दृष्टिगत शांति व्यवस्था कायम करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किये। देश के अलग-अलग शहरों में शांति व्यवस्था की समस्याएं होने के बावजूद वाराणसी को शांत रखने में भरपूर प्रयास किये। जनपद के सभी धर्म गुरुओं और गणमान्य व्यक्तियों का सहयोग लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखी।