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काशी में देवकीनंदन ठाकुर ने ‘सनातन बोर्ड’ के लिए बुलंद की आवाज़, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश का दिया उदाहरण, कहा – हम बच्चों के लिए छोड़ रहे असुरक्षित भविष्य
वाराणसी। प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने वाराणसी में अपने प्रवचनों के दौरान देश, धर्म और समाज से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हम इनसे सबक नहीं लेते हैं, तो यह हमारी बड़ी भूल होगी। उन्होंने कहा, "हम अपने बच्चों के लिए एक असुरक्षित भविष्य छोड़ रहे हैं।"
बांग्लादेश में हिंदुओं की पीड़ा पर संयुक्त राष्ट्र से सवाल
देवकीनंदन ठाकुर ने संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह संस्था दुनिया के दर्द को समझने के लिए बनी है, तो उसे बांग्लादेश में हिंदुओं की पीड़ा को भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक संगठनों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
सनातन बोर्ड की मांग
ठाकुर ने कहा कि यदि भारत में वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाएं काम कर रही हैं, तो सनातन धर्म के लिए स्वतंत्र "सनातन बोर्ड" क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने यह मांग उठाई कि मंदिरों के संचालन का जिम्मा सरकार के बजाय संतों और महात्माओं को सौंपा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमारे भगवान को क्या भोग लगाया जाएगा, यह सरकारी अधिकारी नहीं तय करेंगे। यह संत और महात्मा तय करेंगे। मंदिर सरकार के अधीन नहीं चल सकता। हमारी पूजा और परंपराएं सनातन बोर्ड के माध्यम से संचालित होनी चाहिए।"
काशी की महिमा पर की चर्चा
देवकीनंदन ठाकुर ने काशी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यह धरती का साधारण स्थान नहीं है, बल्कि बाबा विश्वनाथ का आनंद वन है। उन्होंने कहा कि प्रलय काल में भी यह अविनाशी काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर सुरक्षित रहती है।
माता-पिता और धर्म की सेवा का संदेश
अपने प्रवचन में उन्होंने माता-पिता, धर्म और देश की सेवा का विशेष संदेश दिया। उन्होंने कहा, "जीवन में किसी की सेवा करो या न करो, लेकिन माता-पिता और अपने धर्म की सेवा अवश्य करो। इससे जीवन धन्य हो जाता है।"
संतों और विद्वानों से आशीर्वाद की अपील
देवकीनंदन ठाकुर ने काशी में संतों और विद्वानों से आशीर्वाद की अपील की। उन्होंने कहा कि यहां के संत भगवान शिव के स्वरूप हैं, और वे उनसे यह निवेदन करते हैं कि सभी सनातन बोर्ड की मांग को समर्थन दें।