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गंगा तट पर कल से सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्र सुनायेंगे शिव महापुराण, तगड़ी हुई सुरक्षा व्यवस्था, 1500 पुलिसकर्मी संभालेंगे दायित्व, जानिए श्रद्धालुओं के लिए क्या हैं इंतेजाम
वाराणसी। डोमरी में पतित पावनी मां गंगा के तट पर कल से शुरू होने वाली शिव महापुराण कथा के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सात दिनों तक शिव की महिमा का गुणगान करेंगे। कार्यक्रम से एक दिन पहले, मंगलवार को मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के आगमन के लिए विशेष तैयारी
मंडलायुक्त ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित आगमन को देखते हुए हेलीपैड निर्माण कार्य को जल्द और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने महामंडलेश्वर सतुआ बाबा से कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और पर्यटकों के लिए सुविधाओं का जायजा लिया। अधिकारियों को मुख्यमंत्री के आगमन से पहले सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस बल की तैनाती
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सुरक्षा प्रबंधों को लेकर सतर्कता बरतने पर जोर दिया।
- आयोजन स्थल पर एडिशनल एसपी के नेतृत्व में तीन डिप्टी एसपी, 20 इंस्पेक्टर, 130 सब-इंस्पेक्टर, 120 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल तैनात रहेंगे।
- तीन शिफ्ट में ड्यूटी के लिए दो कंपनी पीएसी जवान भी लगाए गए हैं।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
इस महायोजना में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने अस्थायी चौकी और पूछताछ केंद्र स्थापित किए हैं।
- करीब 200 महिला और पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे।
- 70 सीसीटीवी कैमरे पूरे आयोजन स्थल की निगरानी करेंगे।
- गंगा नदी में सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ, जल पुलिस, और बाढ़ राहत दल की टीमें तैनात की गई हैं।
यातायात और पार्किंग प्रबंधन
श्रद्धालुओं के चार पहिया वाहन नीलकंठेश्वर मंदिर के पास और दोपहिया वाहन हनुमान मंदिर के समीप पार्क किए जाएंगे। राजघाट पुल के दोनों छोर पर यातायात पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी, ताकि सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन
आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए 15 दमकल कर्मी और दो दमकल वाहन तैनात किए गए हैं। गंगा घाट पर 11 एनडीआरएफ कर्मी और जल पुलिस के जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहेंगे।
अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस चिनप्पा , डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल और एसीपी कोतवाली डॉ. ईशान सोनी ने स्थल का निरीक्षण कर यातायात और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। श्रद्धालुओं के सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन के लिए हर स्तर पर इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं।