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बच्चों के स्कूल में एडमिशन से पहले पेरेंट्स इन बातों का अवश्य रखें ध्यान
वाराणसी/चंदौली। बच्चों के स्कूल एडमिशन को लेकर पेरेंट्स अत्यधिक चिंता में होते हैं। हर माता-पिता की चाहत होती है कि वह अपने बच्चे के लिए बेहतर से बेहतर स्कूल का चयन करें, जिससे उनके बच्चे को शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कार भी मिल सकें।
आजकल दो से ढाई साल तक के बच्चों के प्री-स्कूल, प्री-टाडलर्स बहुतायत में खुलने लगे हैं और कामकाजी माता-पिता के लिए ये बहुत उपयोगी भी साबित होते हैं। कई जगह तो क्रेच (पालना घर) ही छोटे बच्चो के स्कूल बन गए हैं और डे बोर्डिंग स्कूल भी अब इन सब कमियों को अच्छे से पूरा करने में लग गए हैं।
- सबसे पहले बच्चे की उम्र वाले उपयोगी और निर्धारित स्कूलों का ही चयन करें।
- स्कूल की दूरी सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। अधिकतर स्कूल दूरी के कारण ट्रांसपोर्टेशन की बेहतरीन सुविधा देते हैं।
- फिर आती है समस्या आने-जाने की। पैदल, रिक्शा, वैन, बस या आप स्वयं रोजाना बच्चे के साथ जा सकती हैं। कई जगह दादा-दादी, नाना-नानी, भी यह भूमिका निभाए पाए जाते हैं।
- बच्चों को आपने टॉयलेट-ट्रेनिंग (बाथरूम जाने की) दी है या नहीं। कई जगह यह जरुर पूछा जाता है।
- स्कूल का चुनाव अपने बजट के अनुरूप करें और अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही स्कूल का बजट बनाये वरना बाद में आप परेशान हो सकती हैं।
- स्कूल के क्लासरूम का वातावरण देखें।
- स्कूल की स्वास्थ्य सुविधाएं अवश्य देखें। वायु, रोशनी, धुप का समुचित प्रबंध स्कूल में होना अनिवार्य है।
- कक्षा में बच्चे अधिक न हों वरना टीचर्स प्रत्येक बच्चे पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान नहीं दे पाएंगे।खेलने की सुविधाए मसलन सुरक्षित झूले, खेल का मैदान आदि जरुर हों।
- इंडोर एवं आउटडोर गेम्स का समुचित प्रबंध हो।
- आकर्षक और शिक्षाप्रद खिलौने हो।
- स्कूल में सुरक्षा के समुचित उपाय हो।
- पुस्तकालय (लाइब्रेरी),कंप्यूटर आदि की उचित व्यवस्था हो।
- स्कूल का भवन कैसा है, ज्यादा सीडी वाला, छोटा सा है, गली में है, ये सब बातें ध्यान में जरुर रखें।
- होम वर्क कैसे और कितना देते हैं? स्कूल में ही कराते हैं या अभिभावकों के ही जिम्मे होता है। ये सब जानकारी भी अवश्य करें।
- नियमित पेरेंट्स-टीचर मिटिंग होना भी स्कूल का एक महत्वपूर्ण पक्ष है।अभिभावकों और अध्यापकों में संवाद कायम होना बच्चे और स्कूल दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
- बच्चे को स्कूल भेजने से पहले घर में उसे शिष्टाचार, मैनर्स (तौर-तरीके) आदि भी जरुर सिखाती रहे। कई जगह तो सामान्य ज्ञान की अच्छी खासी परीक्षा ली जाती है, इस पर भी नजर रखें।
- कई विद्यालयों में तो मम्मी-पापा का भी इन्टरव्यू होने लगा है। आप इससे भयभीत न हों। अपने ऊपर विश्वास रखें, प्रश्नों के उत्तर सहजता और सरलता से दें, जो बाते आपको नहीं मालूम उसके लिए सॉरी बोलकर यह कह सकते हैं कि जल्दी ही आप सीख लेंगे।
- आजकल बहुत से स्कूलों में बच्चों का हेल्थ रिकॉर्ड भी रखा जाता है। इसके लिए बच्चे के वैक्सीनेशन कार्ड और हेल्थ फाइल की फोटो कॉपी अवश्य जमा करवा दें।