पति की हत्या करने वाली मुस्कान और उसके बॉयफ्रेंड की जमानत ख़ारिज, जज बोले – यह जघन्य अपराध

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मेरठ। बहुचर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड में मुख्य आरोपी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को एक बार फिर अदालत से राहत नहीं मिली है। सेशन कोर्ट ने शनिवार को दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर और जघन्य बताते हुए कहा कि उपलब्ध सबूतों और परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्तों को जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं बनता।


सुनवाई के दौरान जैसे ही कोर्ट ने जमानत याचिका नामंजूर करने का आदेश सुनाया, आरोपी मुस्कान अदालत में फूट-फूटकर रोने लगी। उसकी ओर से सरकारी वकील रेखा जैन ने जमानत की याचिका दाखिल की थी। रेखा जैन ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि सौरभ की गुमशुदगी की शिकायत परिवार ने समय पर नहीं की और पूरे मामले में देरी से एफआईआर दर्ज हुई, जिससे यह प्रतीत होता है कि मुस्कान और साहिल को फंसाया जा रहा है।

 


उन्होंने इस संदर्भ में सौरभ के परिवार से तीन अहम सवाल अदालत के सामने रखे—


1.    जब सौरभ 5 मार्च से लापता था, तो पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत क्यों नहीं की गई?


2.    परिवार ने उसे तलाशने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया?


3.    उन्होंने दोस्तों या अन्य रिश्तेदारों को क्यों नहीं बताया कि सौरभ कई दिनों से गायब है?


वहीं, सौरभ के वकील ने कोर्ट में ठोस सबूतों के साथ अपना पक्ष रखा और कहा कि दोनों आरोपियों ने खुद ही अपना अपराध स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि साहिल और मुस्कान की निशानदेही पर ही वह ड्रम बरामद हुआ जिसमें सौरभ के शव के टुकड़े मिले थे। मर्डर वेपन, खून से सनी चादर और गद्दा, बाथरूम की दीवारों व छत पर खून के धब्बे—ये सभी साक्ष्य स्पष्ट रूप से उनकी संलिप्तता को साबित करते हैं।

 


इसके अतिरिक्त, दवा, ड्रम और सीमेंट बेचने वालों के बयान, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के होटलों के संचालक, कैब ड्राइवर और अन्य गवाहों की गवाही भी आरोपी पक्ष के खिलाफ गई है। पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि सौरभ की हत्या तीन मार्च को ब्रह्मपुरी के इंदिरा नगर स्थित उसके ही घर में की गई थी।


पुलिस के मुताबिक, मुस्कान और साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या की और फिर उसके शव के चार टुकड़े करके एक नीले ड्रम में डाल दिया। उस ड्रम को सीमेंट और डस्ट के घोल से भरकर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई। 18 मार्च को जब सौरभ की बेटी पीहू ने अपनी मां मुस्कान से पिता के बारे में पूछा, तभी यह राज खुला। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और 19 मार्च को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया।

 


मुस्कान और साहिल की जमानत अर्जी पहले लोअर कोर्ट में 24 अप्रैल को खारिज हुई थी। इसके बाद 1 मई को सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन आरोपी पक्ष के आग्रह पर इसे तीन मई तक टाल दिया गया था। 

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