Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी है। यहां दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा रहे हैं। मोहन यादव बीजेपी में फायरब्रांड नेता के तौर पर पहचान बनाए हुए हैं। इसमें चौकाने वाली बात यह है कि सीएम पद की रेस में मोहन का नाम कहीं से था ही नहीं। सोमवार को विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान, आरएसएस और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। मोहन यादव बीजेपी में बड़ा ओबीसी चेहरा हैं।
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार विधायक बने हैं। वह इससे पहले शिवराज सरकार में उच्चशिक्षा मंत्री रहे हैं। मोहन यादव मध्यप्रदेश में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने ओबीसी चेहरे पर दांव खेला है। मोहन यादव ने डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।
Mohan Yadav: 39 वर्षों का संघर्ष
बात मोहन यादव के राजनीतिक करियर की करें तो उन्होंने एबीवीपी से अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1984 में की थी। वह आरएसएस के भी सदस्य हैं। उन्होंने वर्ष 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा था और लगातार तीसरी बार यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं। मोहन यादव को विधानसभा चुनाव में कुल 95699 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी चेतन प्रेम नारायण यादव को 12941 वोटों से हराया है।
विकास प्राधिकरण के भी अध्यक्ष रहे हैं Mohan Yadav
विधायक के अलावा मोहन यादव वर्ष 2004 से पहले 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं। जबकि उन्होंने 2011 से 2013 तक एमपी राज्य पर्यटन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद की कमान संभाली है।
मामा से लिया मोहन ने आशीर्वाद
डॉ० मोहन यादव (Mohan Yadav) पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। विधायक दल की बैठक में जब मोहन के नाम की घोषणा की गई, तो उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जिसके बाद शिवराज ने भी आत्मीयता से मोहन के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।