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जिसके पिता व चाचा को इस्लामी आतंकियों ने गोलियों से किया छलनी, उस शगुन परिहार ने किश्तवाड़ में खिलाया ‘कमल’, जीत के बाद बोलीं – अब हर बच्चे एक सिर पर हो पिता का साया
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में भाजपा की उम्मीदवार शगुन परिहार ने किश्तवाड़ सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 को आए नतीजों में शगुन परिहार को 29,053 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद अहमद किचलू, को 28,532 वोट ही मिले। इस प्रकार, शगुन परिहार ने 500 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव जीत लिया।
पहली बार चुनावी मैदान में और बड़ी जीत
महज 29 साल की शगुन परिहार पहली बार चुनावी मैदान में उतरी थीं और भाजपा ने उन्हें किश्तवाड़ से टिकट दिया था। यह सीट उनके लिए खास थी, क्योंकि उनके पिता और चाचा की इस्लामी आतंकवादियों ने 2018 में हत्या कर दी थी। चुनाव जीतने के बाद शगुन परिहार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मेरी पहली प्राथमिकता यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना है। हमने यहाँ कई सैनिक और नागरिक खोए हैं, मैंने खुद अपने पिता को खोया है। मेरा प्रयास रहेगा कि यहाँ के हर बच्चे के सिर पर पिता का साया रहे।"
#WATCH | J&K: BJP's leading candidate from Kishtwar Shagun Parihar says, " First of all, what I will do is that, because of security issues, we have lost so many of our army jawans, I lost my father, some have lost their brothers and sons...my efforts will be to ensure that there… pic.twitter.com/jDbIRqQAjU
— ANI (@ANI) October 8, 2024
काला दिन जिसने बदली शगुन की जिंदगी
टिकट मिलने पर शगुन ने कहा था, "वह काला दिन आज भी मेरी आँखों में बसा है, जिस दिन मेरा घर उजाड़ दिया गया। मेरे परिवार ने किश्तवाड़ के लिए अपने खून का हर कतरा बहाया है, यह चुनाव उनके नाम है।" शगुन के चाचा अनिल परिहार, जो जम्मू-कश्मीर भाजपा के बड़े नेता और राज्य सचिव थे, और उनके पिता अजीत परिहार को 2018 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।
कैसे हुई थी अनिल और अजीत परिहार की हत्या?
नवंबर 2018 की घटना है, जब भाजपा के राज्य सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार किश्तवाड़ में अपनी दुकान से लौट रहे थे। आतंकियों ने उन पर नजदीक से गोलियां बरसा दीं। बाद में जांच में पाया गया कि हमलावर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी थे, जो सिर्फ उन दोनों भाइयों के लौटने का इंतजार कर रहे थे।
IGP, Jammu Zone: So far, we've arrested 3 people in these cases. They have been arrested in killing of Chanderkant Sharma(BJP) & his PSO. Among theses arrested people, one is Nisar Ahmad Sheikh, who was part of conspiracy&was present during killing of Anil Parihar (BJP). https://t.co/wxQmFLt3sJ
— ANI (@ANI) September 23, 2019
इस दुखद घटना के बाद किश्तवाड़ में हालात इतने बिगड़ गए थे कि कर्फ्यू लगाना पड़ा और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। अनिल परिहार अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रबल समर्थक थे और इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलते थे, जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई थी।
शगुन परिहार की जीत उनके परिवार के संघर्ष और बलिदान की प्रतीक है, और यह चुनाव उनके लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों रूप से बहुत मायने रखता है।