विधानसभा में गरजे सीएम योगी, बहराइच दंगों का किया जिक्र: विपक्ष को जमकर लताड़ा, कहा – बाबरनामा पढ़ा होता तो...; पूछा – मस्जिद के सामने से शोभायात्रा क्यों नहीं निकल सकती...

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब मुस्लिम समुदाय के जुलूस हिंदू मोहल्लों और मंदिरों के सामने से शांतिपूर्ण तरीके से निकल सकते हैं, तो हिंदू शोभायात्राएं मस्जिदों और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से क्यों नहीं गुजर सकतीं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि झंडा लगाने और शोभायात्रा निकालने में बाधा उत्पन्न करना भारत की एकता और सांस्कृतिक विविधता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा, ‘क्या भारत की धरती पर केसरिया झंडा नहीं लहराया जा सकता? जब मुस्लिम समुदाय के पर्व और जुलूस सुरक्षित तरीके से आयोजित होते हैं, तो हिंदू समुदाय को समान अधिकार क्यों नहीं मिल सकता?’


'जय श्री राम' श्रद्धा का प्रतीक, उत्तेजना का नहीं: सीएम 


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कुछ लोग जय श्री राम के नारे को उत्तेजक बताते हैं, लेकिन यह हमारे लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने सवाल किया, ‘संविधान में कहां लिखा है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिंदू शोभायात्रा नहीं निकल सकती? सार्वजनिक मार्ग किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है।’


उन्होंने बहराइच की घटना का हवाला देते हुए कहा कि परंपरागत शोभायात्रा के दौरान लगाए गए नारे हमारी संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा हैं। ‘जय श्री राम, हर हर महादेव और राधे राधे जैसे नारे हमारी धार्मिक धरोहर का हिस्सा हैं और इन्हें रोकना अनुचित है,’ योगी ने कहा।


धार्मिक जुलूसों पर विवाद क्यों?


सीएम ने कहा कि धार्मिक जुलूसों के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां और रोक-टोक विवादों को जन्म देती हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘कांवड़ यात्रा में भक्ति गीत बजते हैं, दुर्गा पूजा के दौरान मां दुर्गा की आरती होती है। इसे अश्लील कैसे कहा जा सकता है?’


मुख्यमंत्री ने इतिहास का संदर्भ देते हुए कहा, ‘अगर लोगों ने बाबरनामा पढ़ा होता, तो यह बहस नहीं होती। उसमें खुद मीरबाकी के हरिहर मंदिर तोड़ने का जिक्र है।’ उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा उन लोगों द्वारा उठाया जाता है, जिनकी राजनीति विभाजन और विवादों पर आधारित है।


'आपकी राजनीति विभाजनकारी है'


मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनकी राजनीति हमेशा से बांटने और लड़ाने की रही है। उन्होंने संभल और लखनऊ के शिया-सुन्नी विवादों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने इन मतभेदों को समाप्त करने का काम किया है।


उन्होंने कहा, ‘आप लोगों की राजनीति ने समाज को बांटने और हिंसा भड़काने का काम किया है। लेकिन हमारी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न समाज बंटेगा और न हिंसा होगी।’


बहराइच और महाराजगंज की घटनाओं का किया जिक्र


बहराइच और महाराजगंज की घटनाओं पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दंगों के दौरान पुलिस ने स्थिति को संभालने का हर संभव प्रयास किया। ‘बहराइच में निर्दोष राम गोपाल मिश्रा को घर के अंदर से गोली मारी गई। ये दंगे सड़क पर नहीं हो रहे थे, बल्कि घरों के अंदर से गोलीबारी हो रही थी,’ उन्होंने कहा।


मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। ‘अगर पुलिस घरों में घुसती, तो उन पर गंभीर आरोप लगाए जाते। लेकिन हमने सच्चाई को स्वीकार करने का साहस दिखाया,’ उन्होंने कहा।


समाज में शांति और समरसता की अपील


मुख्यमंत्री योगी ने सभी समुदायों से अपील की कि वे एक-दूसरे के पर्वों और त्योहारों का सम्मान करें। ‘हमारी संस्कृति इतनी समृद्ध है कि इसमें सभी के लिए जगह है। हमें मिलकर शांति और समरसता बनाए रखनी चाहिए,’ उन्होंने कहा।


मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सभी धार्मिक परंपराओं और अधिकारों का सम्मान करती है। ‘हमारे लिए जय श्री राम, हर हर महादेव और राधे राधे जैसे नारे हमारी आस्था और संस्कृति के प्रतीक हैं। इन्हें किसी भी तरह से विवादास्पद बनाना अनुचित है।’

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