नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की अनुमति प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दे दी है। यह मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है जब दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
क्या है मामला?
ED ने पिछले साल PMLA कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल को दिल्ली की विवादित शराब नीति घोटाले में आरोपी बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों और सार्वजनिक पदाधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति आवश्यक होती है। इसी संदर्भ में ED ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से इजाजत मांगी थी, जिसे उन्होंने 11 जनवरी को मंजूरी दे दी।
AAP की प्रतिक्रिया
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, "दो साल बाद और चुनाव से ठीक पहले मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों दी गई? यह जनता को गुमराह करने और पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास है।" उन्होंने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया और कहा कि "जनता अब इन झूठे मामलों को समझ चुकी है।"
मामले की टाइमलाइन
1. चार्जशीट और ट्रायल कोर्ट:
जुलाई में ED ने ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ सातवीं चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
2. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट:
नवंबर में केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में चार्जशीट को चुनौती दी। हाईकोर्ट से मामला खारिज होने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पब्लिक सर्वेंट पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक है।
3. मंजूरी का मामला:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED ने 5 दिसंबर को एलजी से अनुमति मांगी, जिसे जनवरी में स्वीकृत किया गया।
चुनाव और राजनीतिक माहौल पर असर
AAP ने इस कार्रवाई को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह सत्ताधारी दल की "झूठी रणनीति" का हिस्सा है। वहीं, भाजपा ने इसे कानून के दायरे में की गई कार्रवाई बताया।