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2025 में तय होगा यूपी के सियासी संग्राम का नेतृत्त्वकर्ता, ‘पार्टी विद डिफरेंस’ पर काम कर रही BJP, अध्यक्ष पद के लिए कई नामों की चर्चा तेज

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति और अप्रत्याशित फैसलों से राजनीति में हमेशा चर्चा बटोरी है। 2027 के उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए पार्टी ने पहले से ही अपनी योजना तैयार कर ली है। यह माना जा रहा है कि 2025 के पहले महीने में इसके प्रभाव दिखने शुरू हो जाएंगे। आगामी दिनों में प्रदेश अध्यक्ष के नए चेहरे की घोषणा होनी है, और इसको लेकर चर्चाओं का दौर तेज है। सवाल है कि नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा और किस जातीय समीकरण को साधेगा?

 


बीजेपी की कार्यशैली: ‘पार्टी विद डिफरेंस’


बीजेपी अपने फैसलों के लिए जानी जाती है, जहां वह चर्चित चेहरों के बजाय राज्य और राष्ट्रीय स्तर के समीकरणों पर जोर देती है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में मिली जीत इसका उदाहरण है। पार्टी अपने रणनीतिक कामकाज को गुप्त और ठोस रखती है, जिससे चुनावी परिणाम अक्सर उम्मीदों से अलग होते हैं। यही वजह है कि बीजेपी को ‘पार्टी विद डिफरेंस’ कहा जाता है।


कौन बनेगा बीजेपी का नया अध्यक्ष?


पार्टी में कई नामों पर चर्चा हो रही है, जिनमें केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, प्रकाश पाल, बाबूराम निषाद, विद्यासागर सोनकर, विजय बहादुर पाठक, अमरपाल मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और विजय सोनकर शास्त्री प्रमुख हैं।

 


जातीय समीकरण पर होगा जोर


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि मुख्यमंत्री और संगठन चुनाव अधिकारी दोनों अगड़ी जाति से हैं, ऐसे में पार्टी क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए ओबीसी या दलित वर्ग से अध्यक्ष चुन सकती है। हालांकि, बीजेपी अप्रत्याशित फैसलों के लिए मशहूर है, इसलिए किसी नई रणनीति के तहत अलग नाम भी सामने आ सकता है।


संभावित नाम और चौंकाने वाला फैसला


यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इससे पार्टी क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने के साथ-साथ एक बार फिर अपनी रणनीतिक सोच को साबित कर सकती है।

 


उपचुनाव और संगठन का प्रभाव


हाल ही में हुए उपचुनावों में 9 में से 7 सीटें जीतकर पार्टी ने अपनी मजबूत पकड़ साबित की है। संगठन में चुनाव अधिकारियों की भूमिका सीमित रहती है, लेकिन इन पदों के माध्यम से पार्टी अपने संदेश और समीकरणों को साफ कर देती है।


नतीजे का इंतजार


उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष का चयन पार्टी के भविष्य के चुनावी गणित को तय करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस चेहरे को चुनती है और वह निर्णय किस हद तक सियासी समीकरणों को प्रभावित करता है।

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