बरेली। बरेली के रजऊ परसपुर गांव में स्थित महालक्ष्मी गैस एजेंसी में सोमवार दोपहर भीषण हादसा हो गया। गैस एजेंसी में रखे सिलेंडरों में आग लगने से तीन मिनट में करीब 400 सिलेंडरों में विस्फोट हो गए, जिससे पूरा इलाका दहल उठा। धमाके की आवाज तीन किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जबकि सिलेंडरों के टुकड़े 500 मीटर दूर खेतों तक जा गिरे। घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया। दमकल कर्मियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रशासन ने आसपास के सभी घरों को खाली करा लिया और सुरक्षा की दृष्टि से इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
ट्रक में लगी आग से हुआ बड़ा हादसा
महालक्ष्मी गैस एजेंसी के गोदाम में सोमवार को सिलेंडरों से भरा ट्रक खड़ा था। दोपहर करीब 12:48 बजे ट्रक के केबिन में अचानक आग लग गई। कुछ ही सेकंड में आग ने विकराल रूप ले लिया और ट्रक में रखा एक सिलेंडर फट गया। इसके बाद आग ने पूरे ट्रक और गैस एजेंसी के गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया।
आग फैलते ही एक-एक कर सिलेंडर फटने लगे, जिससे तेज धमाके होने लगे। इन धमाकों की गूंज सुनकर रजऊ परसपुर गांव के लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। जब उन्होंने देखा कि गैस एजेंसी के गोदाम से आग की ऊंची लपटें उठ रही हैं, तो पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
फायर ब्रिगेड ने 45 मिनट बाद संभाला मोर्चा
घटना की जानकारी मिलते ही बिथुरी चैनपुर पुलिस स्टेशन से पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और गैस एजेंसी जाने वाले रास्तों को तुरंत सील कर दिया गया। करीब 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया।
दमकल विभाग की टीम ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया। हालांकि, गैस एजेंसी के दो मंजिला गोदाम को विस्फोट के कारण भारी नुकसान हुआ और इमारत पूरी तरह जमींदोज हो गई।
चौकीदार और ड्राइवर ने भागकर बचाई जान
गनीमत रही कि हादसे के समय गैस एजेंसी सोमवार को बंद थी, जिससे वहां ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे। गोदाम में सिर्फ चौकीदार दिनेश चंद्र शुक्ला, उनकी पत्नी और ट्रक ड्राइवर ही थे। जैसे ही ट्रक में आग लगी, तीनों ने स्थिति को भांपकर तुरंत भागकर अपनी जान बचा ली।
ट्रक ड्राइवर ने बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण ट्रक के केबिन में आग लगी, जिसने कुछ ही पलों में सिलेंडरों को अपनी चपेट में ले लिया।
सिलेंडरों के टुकड़े दूर-दूर तक गिरे
गांव के निवासी मोहित ने बताया कि हम लोग 600 मीटर दूर खड़े थे, तभी अचानक पहला धमाका हुआ। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि लोग डरकर भागने लगे। कुछ ही मिनटों में सिलेंडरों में एक के बाद एक धमाके होने लगे और इनके टुकड़े 500 मीटर दूर तक उड़कर खेतों में गिरने लगे।
एजेंसी का सारा सामान जलकर खाक
गैस एजेंसी के मालिक मनोज मिश्रा ने बताया कि आग लगते ही उन्होंने एजेंसी में मौजूद अग्निशमन यंत्रों और रेत से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
आग की लपटों ने गैस एजेंसी के कार्यालय को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया। वहां रखे कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरे, दस्तावेज और अन्य सामान जलकर राख हो गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि आग गोदाम के उस हिस्से तक नहीं पहुंची जहां बाकी सिलेंडर रखे थे, जिससे और बड़ा हादसा होने से बच गया।
एसपी ने दी जानकारी
बरेली एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्र ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर करीब 12 बजे गैस एजेंसी में 350 से 400 सिलेंडर लेकर एक ट्रक पहुंचा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि ट्रक के केबिन में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिससे सिलेंडरों में विस्फोट हो गया।
पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और आग को फैलने से रोक दिया। फिलहाल, इलाके में पुलिस बल तैनात है और आसपास के रास्तों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
गनीमत रही कि जनहानि नहीं हुई
इतने बड़े हादसे के बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई, जो राहत की बात है। हालांकि, गोदाम पूरी तरह नष्ट हो गया और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। प्रशासन इस घटना की जांच कर रहा है और सुरक्षा के लिहाज से आसपास के क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी गई है।