प्रयागराज। बमरौली स्थित मध्य वायु कमान के चीफ इंजीनियर (वर्क्स) सत्येंद्र नारायण मिश्रा (50) की हत्या एक सुनियोजित लूट के प्रयास में कर दी गई। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में वायुसेना के दो कर्मचारियों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना 29 मार्च की रात की है, जब अपराधियों ने उनके घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। लूट की साजिश के दौरान इंजीनियर की जागने से घबराए बदमाशों ने उन पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कैसे हुआ वारदात का खुलासा?
पुलिस जांच में पता चला कि शिवकुमार पासी और सुनीता देवी, जो वायुसेना कैंपस में घरेलू कार्य करते थे, इस वारदात के पीछे मुख्य साजिशकर्ता थे। उनका बेटा सौरभ और हनी उर्फ गौतम आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे। पुलिस के अनुसार, हनी पहले से ही कौशांबी जेल में बंद था और हत्या व लूट के कई मामलों में आरोपी था।
परिवार को हनी की जमानत के लिए बड़ी रकम की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने एयरफोर्स के चीफ इंजीनियर के घर लूट की योजना बनाई। सौरभ, जो पहले से ही कई बार कैंपस में आ चुका था, वहां की भौगोलिक स्थिति से पूरी तरह परिचित था। इसलिए उसने आसानी से अपने माता-पिता के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।
घटना की रात क्या हुआ?
हत्या वाली रात, घर में चीफ इंजीनियर के साथ उनकी पत्नी वत्सला, बेटा और नौकरानी मौजूद थे। आधी रात के बाद करीब 2 बजे वत्सला की नींद खुली और उन्होंने ड्राइंग रूम में लगे सीसीटीवी मॉनिटर पर ध्यान दिया। कैमरा नंबर-1 ब्लैंक दिख रहा था, जिससे उन्हें संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत अपने पति को जगाया।
चीफ इंजीनियर सत्येंद्र मिश्रा ने खिड़की खोलकर बाहर देखने की कोशिश की, तभी अचानक गोली चलने की आवाज आई। गोली उनके सीने में लगी और वह वहीं गिर पड़े। खून से लथपथ पति को देखकर वत्सला चीख पड़ीं और बाहर निकलकर मदद के लिए पुकारने लगीं। पड़ोसी और वायुसेना के जवान दौड़कर आए, लेकिन तब तक अपराधी फरार हो चुके थे।
पहले भी कर चुके थे हमला
जांच में पता चला कि आरोपियों ने 15 दिन पहले यानी 13 मार्च को भी चीफ इंजीनियर के घर पर हमला किया था, लेकिन तब वे अपने मंसूबों में नाकाम रहे थे। मिश्रा ने इस हमले की शिकायत वायुसेना पुलिस से की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शायद यही कारण था कि अपराधियों का हौसला बढ़ता गया और उन्होंने दोबारा वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस ने 3 दिनों में सुलझाया मामला
प्रयागराज पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए पुरामुफ्ती थाना पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम को लगाया। सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें एक संदिग्ध व्यक्ति काले कपड़ों में नजर आया। फुटेज में दिखा कि आरोपी घर में पेड़ के सहारे घुसा और वारदात को अंजाम देने के बाद उसी रास्ते से बाहर निकल गया।
गिरफ्तार हुए आरोपी और बरामदगी
पुलिस ने इस हत्या और लूट के प्रयास के आरोप में तीन लोगों शिवकुमार पासी, सुनीता देवी और सौरभ को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस को 32 बोर की पिस्टल, एक कारतूस, एक अवैध तमंचा और 64 कारतूस बरामद हुए हैं।
चीफ इंजीनियर का ट्रांसफर अंडमान हुआ था
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, सत्येंद्र नारायण मिश्रा का ट्रांसफर अंडमान हो चुका था और उन्हें 21 अप्रैल को वहां जॉइन करना था। उनके नेतृत्व में 300 कर्मचारी काम करते थे और वे बेहद अनुशासित और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अहम खुलासे
डॉक्टरों द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि चीफ इंजीनियर के सीने में बाईं ओर गोली लगी थी, जो दिल के ठीक नीचे धंसी हुई थी। इसके अलावा, उनके सिर के पीछे गहरी चोट के निशान मिले, जो इस ओर इशारा करते हैं कि या तो उन्हें किसी भारी चीज से मारा गया था या गोली लगने के बाद गिरने से यह चोट आई थी।