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राम मंदिर में अब नहीं होगा कोई मुख्य पुजारी, ट्रस्ट ने लिया बड़ा फैसला, आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद खाली हुआ था पद

अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद अब तक किसी नए मुख्य पुजारी की नियुक्ति नहीं हुई है। इसको लेकर श्रद्धालुओं और भक्तों के मन में सवाल उठ रहे थे कि इस पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा। इस बीच, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।


चंपत राय ने बताया कि यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका था कि राम मंदिर में अब किसी को मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास से यह विषय छह महीने पहले ही चर्चा में लाया गया था, और उनकी उम्र व सम्मान को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया।

 


उन्होंने यह भी कहा कि सत्येंद्र दास जैसा विद्वान और अनुभवी व्यक्ति कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने हनुमानगढ़ी के महंत के रूप में भी लंबे समय तक सेवा दी थी, और उनके जैसा व्यक्ति मिलना मुश्किल है। इसी वजह से अब राम मंदिर में किसी भी नए व्यक्ति को मुख्य पुजारी का पद नहीं सौंपा जाएगा।


34 वर्षों तक रामलला की सेवा की


आचार्य सत्येंद्र दास 1993 से रामलला की सेवा कर रहे थे और उन्हें मात्र सौ रुपये मासिक वेतन मिलता था। चंपत राय के अनुसार, मंदिर में वर्तमान में कार्यरत सभी पुजारी युवा हैं और उनकी उम्र लगभग समान है। सत्येंद्र दास के बराबर विद्वत्ता रखने वाला कोई अन्य व्यक्ति नहीं है, इसलिए अब किसी एक को मुख्य पुजारी घोषित करना सही नहीं होगा।

 


आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान


गौरतलब है कि आचार्य सत्येंद्र दास का 12 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के एसपीजीआई अस्पताल में निधन हो गया था। इसके बाद उन्हें जल समाधि दी गई थी। उन्होंने लगभग 34 वर्षों तक राम जन्मभूमि में मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दी थी।


1992 में बाबरी विध्वंस के दिन उन्होंने रामलला को अपनी गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। तब से अपने अंतिम समय तक वे रामलला की सेवा में समर्पित रहे। अब ट्रस्ट के फैसले के मुताबिक, राम मंदिर में कोई नया मुख्य पुजारी नियुक्त नहीं किया जाएगा।

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