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Dev Deepawali: 39 वर्ष पहले पांच घाटों पर दीप जलाकर काशी में हुई थी देव दीपावली की शुरुआत, बनारसियों ने चाय-पान की दुकान पर दान दिया था तेल, जानिए इतिहास

वाराणसी। देवताओं की दीपावली कहे जाने वाले देव दीपावली का पर्व काशी के घाटों पर हर साल भव्यता के साथ मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा के तटों पर लाखों दीप प्रज्ज्वलित होते हैं, जिससे घाटों का दृश्य देवलोक जैसा प्रतीत होता है। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व उत्तर भारत की धार्मिक परंपराओं और बनारस की पहचान से गहराई से जुड़ा हुआ है।  

 


पौराणिक कथा और इतिहास 


देव दीपावली की शुरुआत त्रिपुरासुर नामक असुर के वध की याद में हुई थी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस राक्षस का वध कर देवताओं को भयमुक्त किया था। इस जीत की खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया। तभी से यह परंपरा काशी में देव दीपावली के रूप में मनाई जाती है।  

 

 


गंगा घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन की परंपरा 


काशी के दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और अस्सी घाट सहित इस बार नमो घाट को भी इस दीपोत्सव में जोड़ा गया है। लाखों दीपों से सजे घाटों पर श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  

 


1985 में हुई थी परंपरा की शुरुआत 


आधुनिक युग में इस आयोजन की शुरुआत 1985 में मंगलागौरी मंदिर के महंत नारायण गुरु और उनके सहयोगियों ने की थी। उस समय पंचगंगा और आसपास के पांच घाटों पर दीप जलाए गए थे। इसके लिए लोगों ने चाय-पान की दुकानों पर तेल दान में दिया था। धीरे-धीरे यह आयोजन इतना लोकप्रिय हुआ कि अब यह उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्व बन गया है।  

 


विस्तार और भव्यता 


देव दीपावली का दायरा पांच घाटों से बढ़कर पूरे गंगा तट तक फैल गया है। अब उत्तर प्रदेश सरकार इस पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लाखों दीपों का आयोजन करती है। पिछले वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस उत्सव में शामिल हो चुके हैं।  

 


देवताओं भी उतरते हैं घाटों पर 


पौराणिक मान्यता है कि देव दीपावली की रात देवता स्वर्ग से धरती पर उतरकर काशी के घाटों पर दीपों का यह अद्भुत नजारा देखते हैं। इस पर्व को देवताओं के प्रति आस्था और श्रद्धा प्रकट करने का माध्यम माना जाता है।  

 


इस वर्ष के आयोजन की खास बातें 


इस बार देव दीपावली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपराष्ट्रपति सहित कई खास मेहमान शामिल होंगे। बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी इस अद्वितीय आयोजन का हिस्सा बनेंगे।  

 


देव दीपावली न केवल बनारस की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह त्योहार देश-विदेश के सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यह आयोजन काशी की परंपराओं और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है।  

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