वाराणसी। उकसाऊ बयानबाजी, करणी सेना के समर्थक से मारपीट कर जानलेवा हमला करने वाले सपा नेता हरीश मिश्रा उर्फ़ ‘बनारस वाले मिश्रा जी’ की हेकड़ी वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने निकाल दी है। सिगरा थाना पुलिस ने सोमवार को मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया।
हरीश मिश्रा पहले स्वामी रामभद्राचार्य और फिर करणी माता पर अपमानजनक टिप्पणी करके चर्चा में आए थे। जिससे नाराज होकर करणी सेना के एक समर्थक ने उनसे बातचीत का प्रयास किया। इस बीच सपा नेता ने 15-20 लोगों समेत उस पर जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें साफ़तौर पर नजर आ रहा था कि करणी सेना समर्थक खून से लथपथ घायल है और उसके शरीर से निकलने वाला खून मिश्रा के कपड़ों पर लगा है।
इस घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों के खिलफ केस दर्ज कर हिरासत में लिया था। वहीं इलाज के लिए घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया था। हरीश मिश्रा के खून से सने कपड़ों को देखकर अखिलेश यादव ने भी उनके पक्ष में पोस्ट किया था और भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। हालांकि पुलिस की जांच में कहानी कुछ और ही निकली।
पुलिस ने जब दोनों पक्ष के लोगों को गिरफ्तार किया, इस बीच थाने पर ही सपा नेताओं का जमावड़ा हो गया था। थाना परिसर में ही सपा नेता धरने पर बैठ गए थे। वहीं सड़क पर भी जाम की स्थिति बन गई थी। नतीजन पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शन शांत कराना पड़ा। इस घटना के बाद पुलिस ने हरीश मिश्रा के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और सड़क जाम करने की कोशिश करने के आरोप में केस दर्ज किया था।
इस घटना के बाद पुलिस ने हरीश मिश्रा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। इस बीच सोमवार को पुलिस वहां पहुंची और उनकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिलवाकर थाने ले गई। फिर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया गया और न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
अखिलेश यादव ने की थी बात
सोमवार की सुबह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरीश मिश्रा को फोन कर उनका हालचाल जाना और उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। हालांकि, इसके कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्त में ले लिया और अदालत के निर्देश पर जेल भेजा।
जेल जाते समय जताई चिंता
जेल रवाना होने से पहले हरीश मिश्रा ने जिला प्रशासन से अपील किया कि उनकी पत्नी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, “जो लोग मुझ पर हमला कर सकते हैं, वे मेरे परिवार को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।” मिश्रा ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
थाने में हुए प्रदर्शन पर दर्ज हुआ केस
मूल विवाद से इतर, सपा नेताओं द्वारा थाने में की गई नारेबाज़ी और सड़क जाम के प्रयास ने पुलिस को मजबूर किया कि वे विधिक कार्रवाई करें। सिगरा थाने के काशी विद्यापीठ चौकी प्रभारी एसआई विकल शांडिल्य की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर हरीश मिश्रा समेत चार नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
इन धाराओं में हुआ मुकदमा
FIR में अभियुक्तों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 132 (सरकारी कार्य में बाधा), 223 (सरकारी आदेश का उल्लंघन), 285 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना और नुकसान पहुंचाना) और 7 सीएलए (क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि हरीश मिश्रा व उनके समर्थकों ने कानून व्यवस्था भंग करने की कोशिश की, जिससे आमजन को परेशानी हुई।
थाने में जुटे थे समर्थक
एसआई विकल शांडिल्य के अनुसार, शनिवार की शाम जब दोनों पक्ष थाने में मौजूद थे और पुलिस कार्रवाई कर रही थी, उसी दौरान हरीश मिश्रा के पक्ष में शमीम नुमानी (निवासी लोहता), दिनेश सहानी (गमहापुर), रविंद्र कुमार सिंह (अदलपुरा, मिर्जापुर) सहित 30-40 समर्थक थाने पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस का आरोप है कि इन लोगों ने जानबूझकर माहौल को तनावपूर्ण बनाने की कोशिश की।
चोटिल अवस्था में पहुंचे कोर्ट
कोर्ट में पेशी के दौरान हरीश मिश्रा के हाथ में पट्टी बंधी हुई थी और वे लंगड़ाते हुए चल रहे थे। उनकी इस हालत को देखकर सपा नेताओं की भारी भीड़ कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो गई थी।