वाराणसी गैंगरेप कांड में पहली प्रशासनिक कार्रवाई: हटाए गए DCP वरुणा चंद्रकांत मीणा, प्रधानमंत्री की नाराजगी के बाद लिया गया एक्शन

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वाराणसी में 19 वर्षीय युवती से हुए गैंगरेप के सनसनीखेज मामले में अब प्रशासनिक स्तर पर पहली बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट नाराजगी के महज चार दिन बाद ही वाराणसी के वरुणा ज़ोन के डीसीपी चंद्रकांत मीणा को उनके पद से हटा दिया गया है। सोमवार देर रात उन्हें डीजीपी मुख्यालय, लखनऊ से अटैच कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, मीणा पर शुरूआत से ही मामले को गंभीरता से न लेने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई में देरी करने के आरोप लगे थे।


बताया जा रहा है कि डीसीपी मीणा ने मामले की जानकारी मिलते ही सख्त कार्रवाई का आदेश नहीं दिया, न ही संबंधित थाने के निरीक्षक और सब-इंस्पेक्टर की भूमिका की समीक्षा कर कोई रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी। इस लापरवाही के चलते कमिश्नरेट प्रशासन में नाराजगी फैली और इसी का नतीजा रहा कि उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया गया। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में 3 से 4 और अधिकारियों पर भी कार्रवाई संभव है।

 


17 दिन पुरानी घटना, अब तक गिरफ्तारी जारी


यह मामला 29 मार्च का है, जब ग्रेजुएशन की एक छात्रा को उसके परिचित युवक राज विश्वकर्मा ने बहलाकर होटल ले जाकर बलात्कार किया और वीडियो बना लिया। इसके बाद वीडियो के आधार पर धमकाकर उसके साथ कई अन्य युवकों ने भी अलग-अलग दिनों में सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता को 7 दिनों तक शारीरिक और मानसिक शोषण के बाद सड़क पर फेंक दिया गया, जहां से वह बेहोशी की हालत में अपने घर पहुंची।

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अब तक पुलिस ने इस जघन्य कांड में 23 में से 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शेष 10 की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा।

 


पीएम मोदी ने जताई थी नाराजगी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 50वें काशी दौरे पर जब 11 अप्रैल को वाराणसी पहुंचे, तो उन्होंने सबसे पहले इसी मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से सख्त लहजे में सवाल पूछे। पीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर आरोपी को कानून के कठोरतम प्रावधानों के तहत दंडित किया जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसी बातचीत के बाद डीसीपी मीणा के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो गई थी।

 


चंद्रकांत मीना का प्रशासनिक प्रोफाइल


चंद्रकांत मीना 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से राजस्थान के अलवर के निवासी हैं। वर्ष 2022 से वे वाराणसी में तैनात थे और उन्हें 2023 में डीसीपी (क्राइम) बनाया गया था। इसके बाद उन्हें वरुणा ज़ोन का चार्ज दिया गया। मीना को 2023 में डीजी सिल्वर मेडल भी मिला था। बरेली में एसपी रहते हुए उन्होंने भू-माफिया के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की थी।


गैंगरेप की भयावहता: कैसे घटी पूरी घटना


पीड़िता 29 मार्च को अपने घर लौट रही थी जब राज विश्वकर्मा नामक युवक ने उसे होटल में ले जाकर पहले बलात्कार किया और वीडियो बना लिया। अगले दिन उसके दोस्तों—समीर, आयुष, सोहेल, अनमोल, साजिद और जाहिर—ने उसे जबरन रोका और धमकाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया। छात्रा को नशीला पदार्थ सुंघाकर गाड़ी में बैठाकर कॉन्टिनेंटल कैफे ले जाया गया, जहां फिर से उसके साथ दुष्कर्म हुआ।

 


4 अप्रैल की रात साजिद ने छात्रा को एक अन्य कार में बैठाया, जिसमें पहले से ही 5-6 युवक मौजूद थे। चलती कार में भी छात्रा से रेप हुआ और फिर उसे सड़क किनारे फेंक दिया गया। जब पुलिस ने छात्रा को ढूंढा, तब वह नशे की हालत में थी और उसे पहचान पाना भी मुश्किल हो रहा था।


पीड़िता की हालत गंभीर, मेडिकल रिपोर्ट BHU ट्रॉमा सेंटर भेजी गई


पीड़िता को 11 अप्रैल को दीनदयाल महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित है और डॉक्टरों ने बताया कि लंबे समय तक नशे में रहने के कारण उसे पीलिया हो गया है। ब्लड काउंट भी सामान्य से कम है। फिलहाल उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री BHU ट्रॉमा सेंटर और IMS-BHU को भेजी गई है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज की योजना बना रही है। संक्रमण से बचाने के लिए विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं।


आरोपी डरे, DNA और मेडिकल सैंपल लिए गए


छात्रा की बीमारी के खुलासे के बाद जेल में बंद आरोपी भी अब मानसिक दबाव में हैं। आरोप है कि वे आपस में संपर्क करने से बच रहे हैं, यहां तक कि एक ही बैरक में रहकर एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं। जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों का DNA, सीमेन और बालों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी में संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं तो उनके फिर से टेस्ट किए जा सकते हैं।

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