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Kalki 2898 AD Review: महाभारत का सीक्वल बनकर सामने आती है 'कल्कि 2898 AD', पुराणों से होकर एक नई दुनिया की कराती है सैर, पढ़िए पूरा रिव्यु

Kalki 2898 Review: यदि कोई आपसे पूछे कि महाभारत के युद्ध के बाद बचे हुए कौरवों का हुआ? तो इसका जवाब बहुत लोगों को पता होगा कि कौरवों में तो केवल द्रोण पुत्र अश्वत्थामा ही बचे थे, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने कलयुग के अंत तक भटकने का श्राप दे दिया था। लेकिन अब कलयुग के हजारों वर्ष बीतने के बाद अश्वत्थामा कहां हैं, किस हाल में हैं? इसकी किसी को जानकारी नहीं है। उन्हें ढूंढ निकाला है, फ़िल्म मेकर नाग अश्विन ने अपनी फ़िल्म के जरिए। 

 

भगवान श्रीकृष्ण ने गोलोक गमन से पहले कहा था कि कलयुग में धर्म का केवल एक ही चरण बचेगा। यानी अधर्म धर्म पर पूरी तरह से हावी होगा। दुनिया को अधर्म से बचाने के लिए ही वह इस धरती पर पुनः अवतार लेंगे, 'कल्कि' के रूप में। तो जैसा कि बचपन से सुनते आए हैं कि सफेद घोड़े पर भगवान कल्कि आएंगे और दुष्टों का सर्वनाश करेंगे। तो घोड़ा तैयार है अपने भगवान के स्वागत में पलके बिछाए, बस इंतज़ार है तो भगवान का कि कब वह शुभ घड़ी आएगी और भगवान इस धरती पर अवतार लेंगे।

 

 

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि कलयुग में धर्म का केवल एक ही चरण रह जाएगा। बात सही भी होती है कि कब कौन किसके खेमे में चला जाए, कहा नहीं जा सकता। फ़िल्म का कौन सा किरदार कब धोखेबाज हो जाए, कहा नहीं जा सकता। इसी के साथ कहानी आगे बढ़ती है।

 

 

फ़िल्म की कहानी शुरू होती है आज से 6 हजार साल पहले जहां से महाभारत खत्म होती है। इसके बाद आता है कलयुग 2898 AD यानी आज की दुनिया से काफी आगे। डायरेक्टर नाग अश्विन ने एक अलग ही दुनिया बना रखी है। जैसी कि भगवान की भविष्यवाणी होती है कि जब हवाओं में जहर होगा, गंगा सूख गई होंगी। तो कहानी भी वहीं है दुनिया का एक अंतिम और सबसे पुराना शहर 'काशी', जहां गंगा सूख चुकी हैं, वह रेगिस्तान बन चुका है। यहां एक शैतान (कलि राक्षस) है, जो पूरी दुनिया पर राज करना चाहता है, वह चाहता है कि इस दुनिया में बच्चे ही न पैदा हों। शैतान की दुनिया भी ऐसी कि इंसान के जन्म से पहले ही उसके मां - बाप उसे बेच दें, कोई किसी का सगा नहीं। इसके बाद दुनिया को कौन बचाता है, किस रूप में भगवान अवतरित होते हैं, कैसे राक्षस का संहार होता है, इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

 

क्यों देखें -

 

कहना गलत नहीं होगा कि नाग अश्विन ने इस फ़िल्म से बॉलीवुड को एक नई दिशा दी है। यदि फ़िल्म देखने आप भी जा रहे हैं, तो आपको साथ मे दिमाग लेकर जाना होगा। फ़िल्म का हर एक सीन 4-5 सीन को जोड़े रखता है। फ़िल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है, लेकिन सेकंड हाफ आते-आते फ़िल्म अपनी जगह पकड़ लेती है। फर्स्ट हॉफ में कहा जा सकता है कि डायरेक्टर ने फ़िल्म की दुनिया से परिचय कराया है। कौन कितना क्रूर है, क्या नियम हैं और तमाम चीजें। 

 

एक्टिंग - 

 

एक्टिंग के मामले में स्टारकास्ट ने अपना शत प्रतिशत दिया है। कुछ लोग इसे प्रभास की फ़िल्म बता रहे हैं लेकिन ये फ़िल्म प्रभास की नहीं है, ये फ़िल्म उससे जुड़े हर किरदार की है। यह फ़िल्म अमिताभ बच्चन के कैरियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जा रही है। 8 फ़ीट की हाइट के साथ अमिताभ अश्वत्थामा के रोल को पूरी तरह जस्टिफाई करते हैं। प्रभास का बाहुबली के एक दशक बाद कमबैक है। बाहुबली एक मास सिनेमा थी। जबकि इस बार उन्होंने अपनी एक्टिंग के साथ ही हिंदी डबिंग भी की है। जो कि फैंस के लिए एक सरप्राइज जैसा है। उनकी कॉमिक टाइमिंग से लेकर एक्शन सीक्वेंस सब बेहतरीन है। 

 

 

दीपिका के पास फ़िल्म में करने को कुछ खास नहीं था। एक दो डायलॉग तक उनके नाम नहीं है। हां, लेकिन फ़िल्म में एक दो सीन उनके नाम हैं, जो कि फायर हैं। हो सकता है इसके अगले पार्ट में उनके लिए कुछ एक्स्ट्रा करने को हो। दिशा पटानी को भी करने के लिए कुछ खास नहीं था। उन्होंने फिल्म को बस आगे बढ़ाने का काम किया है। कमल हासन इस बार बेहतरीन लगे हैं। स्क्रीन प्रेजेंस कम होने के बावजूद उन पर से नजरें नहीं हटतीं। इसके अलावा फिल्म में ढेरों कैमियो डाले गए हैं। उनके लिए भी करने को कुछ खास नहीं था, वह एक कोई नार्मल एक्टर भी कर सकता था। लेकिन हो सकता है मेकर्स ने ऑडियंस खींचने के लिए इनका कैमियो फ़िल्म में डाला हो। 

 

 

ओवरऑल फ़िल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया है। फ़िल्म देखने का असली आनंद थिएटर में ही है। फ़िल्म फैमिली के साथ बैठकर देखी जा सकती है। वेदों और पुराणों से आज की दुनिया का कनेक्शन मेकर्स ने अत्यंत शातिर तरीके से जोड़ा है। जो कि दर्शकों को बांधे रखते हैं। अब देखना यह होगा कि फ़िल्म के अभी कितने पार्ट आते हैं। वैसे चर्चा 'कल्कि 3102 AD' की है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये एक या दो पार्ट में समाप्त होगी। क्योंकि जिस तरह से इसकी कहानी चल रही है, यह आगे अभी लंबा सफर तय करेगी। वहीं मेकर्स ने भी इसे एक सिनेमेटिक यूनिवर्स बताया है।

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