वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्यम वर्ग और सैलरीड क्लास को बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री होगी। सैलरीड कर्मचारियों को 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी वालों को भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग नए टैक्स स्लैब को लेकर कन्फ्यूजन में हैं। कई यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि अगर 12 लाख रुपये तक टैक्स फ्री है, तो फिर 4-8 लाख पर 5% और 8-12 लाख पर 10% टैक्स क्यों है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
नया और पुराना टैक्स स्लैब
2025-26 के लिए प्रस्तावित नया टैक्स स्लैब:
आय सीमा इनकम टैक्स
0-4 लाख 0%
4-8 लाख 5%
8-12 लाख 10%
12-16 लाख 15%
16-20 लाख 20%
20-24 लाख 25%
24 लाख से ऊपर 30%
2024-25 का पुराना टैक्स स्लैब:
आय सीमा इनकम टैक्स
0-3 लाख 0%
3-7 लाख 5%
7-10 लाख 10%
10-12 लाख 15%
12-15 लाख 20%
15 लाख से ऊपर 30%
12 लाख रुपये तक टैक्स फ्री कैसे?
टैक्स स्लैब के मुताबिक, 12 लाख रुपये तक की इनकम पर भी टैक्स बनता है, लेकिन सरकार ने धारा 87A के तहत 60,000 रुपये तक की टैक्स रिबेट दी है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी की 8 लाख रुपये की आय है, तो स्लैब के अनुसार:
• 4-8 लाख पर 5% टैक्स = ₹20,000
• लेकिन रिबेट ₹20,000 मिलने से नेट टैक्स ₹0
इसी तरह, 9 लाख रुपये की आय पर:
• 4-8 लाख पर 5% = ₹20,000
• 8-9 लाख पर 10% = ₹10,000
• कुल टैक्स = ₹30,000 लेकिन रिबेट भी ₹30,000 मिलने से नेट टैक्स ₹0
12 लाख रुपये तक का टैक्स रिबेट से माफ हो जाता है, इसलिए इसे टैक्स फ्री कहा जा रहा है।
12 लाख से अधिक कमाने वालों को क्या फायदा?
अगर आपकी आय 13 लाख रुपये है, तो टैक्स गणना इस तरह होगी:
✅ 4 लाख तक = 0% टैक्स
✅ 4-8 लाख = 5% टैक्स = ₹20,000
✅ 8-12 लाख = 10% टैक्स = ₹40,000
✅ 12-13 लाख = 15% टैक्स = ₹15,000
🔹 कुल टैक्स = ₹75,000
इसी तरह,
✔ 14 लाख पर ₹90,000 टैक्स
✔ 15 लाख पर ₹1,05,000 टैक्स
✔ 16 लाख पर ₹1,20,000 टैक्स
पहले 16 लाख की आय पर ₹1,70,000 टैक्स देना पड़ता, लेकिन अब सिर्फ ₹1,20,000 देना होगा, यानी ₹50,000 की बचत।
नए टैक्स स्लैब से किसे फायदा?
✅ मध्यम वर्ग – 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स फ्री
✅ हाई इनकम ग्रुप – 12-16 लाख की आय पर 30% की बजाय सिर्फ 15% टैक्स
✅ सैलरीड क्लास – ₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा
नए स्लैब से सभी करदाताओं को टैक्स में राहत मिली है, खासकर मध्यम वर्ग और 12-20 लाख कमाने वालों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।