वाराणसी। गंगा नदी में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मान मंदिर घाट के सामने एक बड़ी मोटर बोट ने छोटी नाव को टक्कर मार दी, जिससे वह डगमगाने हुए डूबने लगी। इस हादसे के बाद घाट पर हड़कंप मच गया, चीख-पुकार के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घटना की सूचना मिलते ही जल पुलिस और NDRF की टीम मौके पर पहुंची। बड़ी नाव में सवार लोगों ने तुरंत हरकत में आते हुए छोटी नाव के यात्रियों को बचाने का प्रयास किया। छोटी नाव में करीब 12 से 13 लोग सवार थे, लेकिन गनीमत रही कि सभी ने लाइफ जैकेट पहनी हुई थी। बड़ी नाव के यात्रियों और रेस्क्यू टीम की तत्परता से सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, अस्सी घाट से छह यात्रियों को लेकर एक छोटी मोटर बोट मणिकर्णिका घाट से लौट रही थी। इसी दौरान बड़ी मोटर बोट, जिसमें 58 लोग सवार थे, उससे टकरा गई। टक्कर के बाद छोटी नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह डूबने लगी। आसपास मौजूद अन्य नावों की मदद से सभी यात्रियों को बड़ी नाव में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि, हादसे में दोनों नावों में बैठे करीब 18 लोग मामूली रूप से घायल हो गए। जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। जल पुलिस ने दोनों नाविकों से पूछताछ शुरू कर दी है और सभी घाटों पर घोषणा कराई जा रही है कि नावों में क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाया जाए और सभी को अनिवार्य रूप से लाइफ जैकेट पहनने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों की नाव सीज करने की चेतावनी भी दी गई है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि दो नावों के टक्कर से ऐसा हादसा हुआ है। सभी यात्रियों ने लाइफ जैकेट पहना हुआ था, जिससे सभी सुरक्षित हैं। कुछ पर्यटकों को मामूली चोटें आई थीं, उनका उपचार कराकर उन्हें वापस उनके गंतव्य भेज दिया गया है। गंगा में सुरक्षा के बाबत शाम 5 बजे के बाद नावें नहीं चलेंगी।
काशी में भारी भीड़, गंगा आरती स्थगित
इस समय काशी में भारी भीड़ उमड़ी हुई है। अनुमान के मुताबिक, शहर में करीब 40 लाख लोग मौजूद हैं, जिस वजह से 31 जनवरी से 5 फरवरी तक दशाश्वमेध घाट से अस्सी घाट तक की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को रोक दिया गया है। होटल, धर्मशालाएं और सरकारी स्टे कैंप पूरी तरह भर चुके हैं, वहीं रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास करीब 5 लाख लोग वाहनों का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालु हैं।
गंगा आरती के आयोजकों का कहना है कि इस भीड़ में किसी प्रकार की अनहोनी न हो, इसलिए गंगा आरती को फ़िलहाल स्थगित कर दिया गया है। संस्था के पदाधिकारियों ने आम श्रद्धालुओं से अपील किया है कि वह फ़िलहाल कुंभ तक बनारस न आएं।
काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक लगभग 5 किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुई हैं। प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है।