बजट सत्र से पहले पीएम मोदी का संबोधन: ‘मिशन मोड’ में होगा विकास, 2047 के संकल्प को पूरा करेगा यह बजट; मां लक्ष्मी को किया प्रणाम

नई दिल्ली। बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के हंस द्वार पर संबोधित किया और बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जताईं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत से पहले वे माता लक्ष्मी को प्रणाम करते हैं, क्योंकि वे समृद्धि और कल्याण का प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने संस्कृत श्लोक का पाठ करते हुए कहा कि माता लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक प्रदान करती हैं और वे प्रार्थना करते हैं कि देश के गरीबों और मध्यम वर्ग पर विशेष कृपा बनी रहे।


‘यह बजट विश्वास और ऊर्जा देगा’


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट सत्र देश के लिए एक नया आत्मविश्वास लेकर आएगा। उन्होंने कहा, "हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं और देश की जनता ने हमें तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है। यह तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है।" पीएम ने भरोसा जताया कि जब भारत 2047 में आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब यह बजट विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एक नई ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय सामूहिक प्रयासों से इस लक्ष्य को साकार करेंगे।

 


‘मिशन मोड में करेंगे काम’


पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ‘मिशन मोड’ में देश के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दे रही है, चाहे वह भौगोलिक, सामाजिक या आर्थिक दृष्टि से हो। उन्होंने कहा कि इनोवेशन, इन्क्लूजन और इन्वेस्टमेंट उनकी आर्थिक नीतियों का मुख्य आधार रहा है। इस सत्र में ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी और वे राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करेंगे।


पीएम ने नारी शक्ति को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि "महिलाओं को संप्रदाय और भेदभाव से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन और समान अधिकार मिले, इस दिशा में भी अहम फैसले लिए जाएंगे।"


‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के माध्यम से संभव है। उन्होंने राज्यों और केंद्र सरकार के सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जनभागीदारी से देश में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

 


युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आज जो युवा 20-25 साल के हैं, वे जब 2047 में 45-50 साल के होंगे, तब वे विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। वे नीति निर्धारण की स्थिति में होंगे और गर्व से भारत की शताब्दी की शुरुआत देखेंगे।"


विपक्ष पर साधा निशाना


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर भी परोक्ष रूप से तंज कसा। उन्होंने कहा कि "2014 से अब तक हर संसद सत्र से पहले किसी न किसी विदेशी साजिश की चिंगारी उठाई जाती थी, जिसे हवा देने वालों की कमी नहीं थी।" लेकिन उन्होंने इस बार राहत जताते हुए कहा कि यह पहला सत्र है जिसमें "कोई विदेशी चिंगारी नहीं उठी।"


प्रधानमंत्री के इस बयान से साफ है कि उनकी सरकार बजट को एक महत्वपूर्ण नीति दस्तावेज के रूप में देख रही है, जो भारत के विकास को गति देगा और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में ठोस कदम बढ़ाएगा।

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