लखनऊ। केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। खासतौर पर डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी और कैंसर मरीजों को सस्ते इलाज का लाभ मिलेगा।
कैंसर मरीजों को बड़ी राहत
सरकार ने कैंसर समेत 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) से छूट देने का फैसला किया है। इसका सीधा फायदा प्रदेश में इलाज करा रहे करीब सात लाख कैंसर मरीजों को मिलेगा। अनुमान के मुताबिक, इससे हर मरीज को हर महीने औसतन 10 हजार रुपये की बचत हो सकती है।
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट का कहना है कि कस्टम ड्यूटी खत्म होने से अमीर और गरीब सभी मरीजों को राहत मिलेगी। चूंकि कैंसर का इलाज लंबा चलता है, इसलिए सरकार के इस फैसले से मरीजों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
डे केयर सेंटर और जांच सुविधाओं का विस्तार
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए 30 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदला गया है। इसके अलावा, 45 अन्य अस्पतालों को चरणबद्ध तरीके से डे केयर सेंटर में तब्दील किया जाएगा। इन सेंटरों पर गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उनके ही जिले में इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे बार-बार बड़े अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इससे बीमा कवर वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें भर्ती होने की अनिवार्यता से छुटकारा मिलेगा। साथ ही, अतिरिक्त डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों और अत्याधुनिक जांच उपकरणों की भी व्यवस्था की जाएगी।
मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेंगी एमबीबीएस सीटें
प्रदेश में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें एमबीबीएस की 11,850 सीटें उपलब्ध हैं। बजट प्रावधानों के तहत अगले साल इनमें 1,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ने की योजना है। इससे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी।
बजट में किए गए स्वास्थ्य संबंधी प्रावधानों से उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूती मिलेगी। कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और संचारी रोगों के मरीजों को सस्ता इलाज मिलेगा, जबकि डॉक्टरों की बढ़ती संख्या से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ होंगी।