नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को हुए मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बढ़त मिलती दिख रही है। ज्यादातर सर्वे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भाजपा बहुमत के लिए आवश्यक 36 सीटों के आंकड़े को पार कर सकती है। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) भी कड़ी टक्कर दे रही है, लेकिन कांग्रेस की स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है।
विभिन्न सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल्स के अनुसार, भाजपा को 35 से 40 सीटों पर बढ़त मिलने का अनुमान है।
• मैट्रिक्स सर्वे: भाजपा को 35-40, आप को 32-37 और कांग्रेस को 0-1 सीट।
• पीपुल्स इनसाइड: भाजपा को 40-44, आप को 25-29 और कांग्रेस को 0-1 सीट।
• पीपुल्स पल्स: भाजपा को 51-60, आप को 10-19 और कांग्रेस को कोई सीट मिलने की संभावना नहीं।
• जेवीसी पोल्स: भाजपा को 39-45, आप को 22-31 और कांग्रेस को 0-2 सीट।
• रिपब्लिक भारत: भाजपा को 35-40, आप को 32-37 और कांग्रेस को 0-1 सीट।
• रिपब्लिक टीवी-पी मार्क: भाजपा को 39-49, आप को 21-31 और कांग्रेस को 0-1 सीट।
• चाणक्य स्ट्रेटेजिस: भाजपा को 39-44, आप को 25-28 और कांग्रेस को 2-3 सीटें मिलने की संभावना।
यदि इन सभी आंकड़ों का औसत निकाला जाए तो भाजपा को लगभग 42 सीटें, आम आदमी पार्टी को 27 सीटें और कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
2020 के नतीजों से कितना अलग होगा यह चुनाव?
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर शानदार जीत दर्ज कर भाजपा को सिर्फ 8 सीटों तक सीमित कर दिया था। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। दिलचस्प बात यह है कि 2020 में हुए चुनाव से पहले आए एग्जिट पोल्स ने आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की थी, जो वास्तविक नतीजों में और मजबूत साबित हुई थी।
इस बार के एग्जिट पोल भाजपा को मजबूत स्थिति में दिखा रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी भी मुकाबले में बनी हुई है। हालांकि, कांग्रेस के लिए स्थिति और भी खराब होती दिख रही है, क्योंकि ज्यादातर सर्वे में उसे 0 से 1 सीट तक सीमित दिखाया गया है।
क्या बदलेगा दिल्ली का सियासी समीकरण?
दिल्ली में चुनावी माहौल हमेशा से दिलचस्प रहा है। 2015 में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए 67 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि भाजपा को केवल 3 सीटें मिली थीं और कांग्रेस शून्य पर रही थी। 2020 में आप ने 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 8 सीटें मिलीं और कांग्रेस एक बार फिर खाली हाथ रह गई।
अगर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित होते हैं, तो इस बार दिल्ली में सत्ता परिवर्तन देखने को मिल सकता है। भाजपा को यदि पूर्ण बहुमत मिलता है, तो यह उसके लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता होगी, क्योंकि दिल्ली में पिछले कई चुनावों से वह संघर्ष कर रही थी।
नतीजों पर टिकी सबकी नजरें
हालांकि, एग्जिट पोल्स सिर्फ संभावनाओं को दर्शाते हैं और वास्तविक नतीजे इससे अलग हो सकते हैं। अंतिम परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेंगे कि दिल्ली में अगली सरकार कौन बनाएगा। क्या भाजपा बहुमत हासिल कर पाएगी, या आम आदमी पार्टी फिर से सत्ता में वापसी करेगी? यह देखना दिलचस्प होगा।