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वाराणसी में कारोबारी परिवार के पांच लोगों की हत्या: राजेंद्र गुप्ता की आत्महत्या की थ्योरी में नया मोड़, 27 साल पुरानी रंजिश की आशंका
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के परिवार में हुई हत्या और उनकी संदिग्ध आत्महत्या की गुत्थी ने अब नया मोड़ ले लिया है। पुलिस की जांच पड़ताल में राजेंद्र की मां, नौकरानी और पड़ोसियों के बयान सामने आए, जिससे परिवार के पुराने झगड़ों और दो अन्य प्रमुख किरदारों की भूमिका का अंदेशा बढ़ गया है। हत्या की रात को राजेंद्र के भतीजे जुगनू और विक्की, जो कि उनके छोटे भाई कृष्णा गुप्ता के बेटे हैं, घर के पास देखे गए थे।
राजेंद्र ने 27 साल पहले अपने भाई और भाभी की हत्या की थी और अब इस नई वारदात को उसी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस ने भी इस संभावना की पुष्टि की है और एक भतीजे ने सरेंडर कर दिया है, जबकि दूसरा फरार है। पुलिस अब इस मामले को चार हत्या और एक आत्महत्या नहीं बल्कि पांच हत्या के एंगल से भी देख रही है, क्योंकि गुप्ता परिवार का इतिहास भी हिंसक रहा है।
27 साल पुराना विवाद और दोहरे हत्याकांड का सिलसिला
जानकारी के मुताबिक, भदैनी के संपन्न कारोबारी लक्ष्मी नारायण गुप्ता के दो बेटे थे, राजेंद्र और कृष्णा। परिवार का शराब और संपत्ति का बड़ा व्यवसाय था, लेकिन अधिकतर जिम्मेदारी छोटे बेटे कृष्णा के पास थी, जो पिता के करीब था। 1997 में राजेंद्र ने अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद दोनों भाइयों में विवाद चरम पर था। पुलिस जांच के बाद राजेंद्र को जेल जाना पड़ा, लेकिन परिवार के तनाव खत्म नहीं हुए।
पिता की हत्या और कारोबार पर नियंत्रण की कोशिश
राजेंद्र 2003 में पैरोल पर बाहर आया और उसने अपने पिता लक्ष्मी नारायण के विरुद्ध भी साजिश रची। इस दौरान, उसने अपने पिता और उनके गार्ड की हत्या करवाई ताकि व्यापारिक नियंत्रण हासिल कर सके। इसके बाद राजेंद्र ने परिवार में अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश जारी रखी।
दो शादियां, परिवारिक कलह और तांत्रिक का प्रभाव
राजेंद्र ने दो विवाह किए थे और दोनों पत्नियों से उसके संबंध तनावपूर्ण थे। दूसरी पत्नी नीतू से भी उसके झगड़े होते रहते थे, जिससे परिवार में भी खटास बढ़ रही थी। उसने अपनी दूसरी पत्नी को बार-बार तांत्रिक के कहने पर अपनी असफलताओं का कारण माना और अपने जीवन में नकारात्मक प्रभाव का दोषी ठहराया। उसकी मां के बयान के मुताबिक, राजेंद्र दिवाली के बाद अपने नए निर्माणाधीन घर में रहने चला गया था।
नौकरानी, पड़ोसी और पुलिस की जांच
घर की नौकरानी रेनू के अनुसार, दिवाली पर परिवार खुशहाल नजर आ रहा था, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर कुछ नाराजगी थी। वहीं पड़ोसियों के अनुसार, राजेंद्र का सामाजिक प्रभाव मजबूत था। हत्या की रात, भतीजों के घर आने और कुछ गरमागर्म बहस की भी बात सामने आई है। पुलिस ने राजेंद्र के पहले विवाह से हुए बेटे की भी जांच के लिए बुलाया है, जो आसनसोल में पाया गया है।
पुलिस कई एंगल से कर रही जांच, सामने आ सकते हैं तथ्य
DCP गौरव बंसवाल के अनुसार, इस मामले की गहनता से जांच हो रही है, और सभी संभावित पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। मृतक के भतीजों और अन्य व्यापारिक रिश्तेदारों से पूछताछ चल रही है, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से नए तथ्य सामने आने की उम्मीद है।