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अद्भुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय ! गंगा उस पार हुई भव्य आतिशबाजी, आसमान का नजारा देख अचंभित हुए लाखों पर्यटक, देव दीपावली पर देवलोक बनी काशी
वाराणसी। देव दीपावली के अवसर पर काशी में एक अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिला। इस साल के आयोजन में आतिशबाजी और दीपों की रौशनी ने काशी की रात को कुछ इस तरह सजाया, कि लोग बस मंत्रमुग्ध होकर इसे निहारते रहे। संगीत की धुन के साथ, आकाश में आतिशबाजी का भव्य नजारा एक रोमांचक अनुभव बना। यह दृश्य इतना अद्भुत था कि इसे देखकर हर कोई अचंभित था।
आतिशबाजी के जलते रंगों और इसके साथ गंगा की लहरों के बीच जगमगाते दीपों ने काशी के घाटों को सचमुच देव लोक में तब्दील कर दिया। गंगा के पार रेती पर जलते दीपों, आकाश में चमकते लेजर शो और घाटों पर दीपों की रौशनी मिलकर एक स्वप्निल वातावरण का निर्माण कर रहे थे। यह दृश्य सचमुच 'अकल्पनीय' और 'अविस्मरणीय' था।
काशी की गलियों से लेकर घाटों तक, हर स्थान को दीपों और विद्युत झालरों से सजाया गया था। साथ ही, वरुणा नदी के तट पर भी इस आयोजन की धूम मची हुई थी। काशी की सड़कें, दुकानें, मकान, और बहुमंजिली इमारतें सभी झिलमिलाते दीपों और लाइट्स से रोशन हो उठी थीं।
यह आयोजन न सिर्फ काशीवासियों के लिए, बल्कि यहां आए सैलानियों के लिए भी एक जीवनभर का यादगार अनुभव बना। देश-विदेश से आए पर्यटक इस अद्भुत दृश्य को अपनी आँखों से देख कर दंग रह गए। उनकी आँखों में चमक थी, और दिल में एक अजीब सा रोमांच था। यह दृश्य साक्षात देवी देवताओं का आशीर्वाद लगता था, और काशी ने सचमुच देव दीपावली के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक महिमा को दुनिया भर में प्रकट किया।
काशी का यह नजारा हर किसी के दिल में बस गया, और लोग यह सोचते हुए वापस लौटे कि ऐसा दृश्य शायद ही कभी दोबारा देखने को मिले। देव दीपावली के इस दृश्य ने न केवल काशी के घाटों को, बल्कि हर एक दिल को भी रोशन कर दिया।