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महाकुंभ में महिलाओं का नहाते समय वीडियो बनाकर बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, प्रयागराज से यूट्यूबर समेत तीन गिरफ्तार, 60-70 अस्पतालों का CCTV किया हैक, सामने आया विदेशी कनेक्शन

अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने शुक्रवार को प्रयागराज के एक यूट्यूबर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो महाकुंभ में स्नान कर रही महिलाओं के वीडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब और टेलीग्राम पर अपलोड कर रहे थे। इस गिरोह पर आरोप है कि इन्होंने देशभर के 60-70 अस्पतालों के CCTV कैमरों को भी हैक किया और वहां महिलाओं के इलाज के दौरान बनाए गए वीडियो अवैध रूप से बेचे। पुलिस ने आरोपियों के पास से महिलाओं के आपत्तिजनक फुटेज बरामद किए हैं।


महाकुंभ के वीडियो बेचता था यूट्यूबर, अन्य आरोपियों से मिला था लिंक


गुजरात पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान महाराष्ट्र से गिरफ्तार दो लोगों से सुराग मिला, जिसके बाद प्रयागराज के यूट्यूबर चंद्रप्रकाश फूलचंद को पकड़ा गया। जांच में पाया गया कि चंद्रप्रकाश महाकुंभ में स्नान कर रही महिलाओं के 55 से 60 वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड कर चुका था। इसके अलावा, वह ये वीडियो ऑनलाइन बेचकर मोटी रकम कमा रहा था।


इस मामले में महाराष्ट्र के लातूर से प्रज्वल अशोक तेली और सांगली से प्रज राजेंद्र पाटिल को भी गिरफ्तार किया गया है। अहमदाबाद साइबर क्राइम डीसीपी लवीना सिन्हा ने बताया कि इन आरोपियों ने ये वीडियो न केवल अपने चैनलों पर अपलोड किए बल्कि इन्हें अन्य चैनलों को भी बेचा।

 


अस्पतालों के CCTV हैक कर महिलाओं के चेकअप के वीडियो किए लीक


गुजरात पुलिस को इस गिरोह के बारे में तब पता चला जब फरवरी 2024 में राजकोट के पायल अस्पताल का CCTV हैक हुआ। जांच में सामने आया कि अस्पताल में महिलाओं के स्त्री रोग संबंधी चेकअप के वीडियो बनाए गए और फिर उन्हें यूट्यूब और टेलीग्राम पर बेचने के लिए डाला गया।


अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह गिरोह देशभर के कई अस्पतालों के CCTV कैमरों को हैक कर चुका था। इस गैंग पर शक है कि इन्होंने 60 से 70 अलग-अलग अस्पतालों के डेटा को एक्सेस कर आपत्तिजनक वीडियो बनाए और बेचे। गिरोह ने एक साल में लाखों रुपये कमाए।


विदेशी हैकर्स से जुड़ा है नेटवर्क, रोमानिया और अटलांटा से होते थे साइबर अटैक


पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी प्रज्वल अशोक तेली रोमानिया और अटलांटा के साइबर हैकर्स के संपर्क में था। आरोपियों ने अस्पतालों के IP एड्रेस को विदेशों से हैक किया और वहां का संवेदनशील डेटा चोरी किया। शुरुआती जांच के अनुसार, आरोपियों ने 800 से 2000 रुपये में वीडियो बेचे और आठ महीनों में लाखों की कमाई की।

 


गिरोह पर पहले से चल रही थी निगरानी, तीन केस दर्ज


महाकुंभ में महिलाओं के स्नान करते हुए वीडियो अपलोड करने के मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस तरह के मामलों में संलिप्त सभी आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


इसके अलावा, महाकुंभ को लेकर भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में भी अब तक 55 से 60 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस सोशल मीडिया अकाउंट के संचालकों को चिह्नित कर रही है और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है।


अभी और गिरफ्तारियां संभव, रिमांड पर लिए जाएंगे आरोपी


अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम का मानना है कि यह गिरोह काफी संगठित रूप से काम कर रहा था और इसके कई अन्य सदस्य अभी भी फरार हो सकते हैं। पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि इनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।


गुजरात पुलिस के अनुसार, अभी इस केस में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि आरोपियों के पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने कितने अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों के CCTV डेटा को हैक किया और इसे किस हद तक बेचा गया।

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