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बदल गया काशी के प्राचीन ‘खिडकियां घाट’ का नाम, अब ‘नमो घाट’ के नाम से जाना जाएगा, सरकारी अभिलेखों में दर्ज हुआ नया नाम - World famous namo ghat
वाराणसी। काशी का प्राचीन खिडकियां घाट अब नमो घाट के नाम से जाना जाएगा। देव दीपावली पर इसके उद्घाटन से पहले वाराणसी नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। अब जबकि 15 नवंबर को इसका उद्घाटन होना है, उससे पहले इसका नाम सरकारी अभिलेखों में नमो घाट कर दिया जाएगा।
पहले यह घाट राजघाट, भैंसासुर घाट और आदिकेशव घाट के बीच स्थित खिड़कियां घाट के नाम से दर्ज था, लेकिन महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ और इसे नगर निगम के अभिलेखों में दर्ज करने का निर्णय लिया गया।
कार्यकारिणी को मिला संशोधन का अधिकार
बैठक में नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 91(1) के अंतर्गत अनुज्ञप्ति विभाग के उपविधि का प्रस्ताव रखा गया। इसे इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई कि भविष्य में कोई भी परिवर्तन करने का अधिकार कार्यकारिणी और सदन के पास रहेगा।
उपसभापति ने रखा ‘नमो घाट’ नामकरण का प्रस्ताव
धारा 91(2) के अंतर्गत उपसभापति नरसिंह दास ने ‘नमो घाट’ के नामकरण का प्रस्ताव रखा। महापौर और सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए नगर आयुक्त को आगे की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
विश्वप्रसिद्ध नमो घाट का उद्घाटन देव दीपावली के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। यहां सीएम करीब 5 हजार लोगों की जनसभा को समोधित करेंगे। करीब 76 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों में तैयार हुए इस घाट पर आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया गया है, जिसमें वॉकवे, हेलीपोर्ट, जेटी, ओपन एयर थिएटर और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जहां बच्चों के खेलने, कूदने से लेकर मनोरंजन की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
नमो घाट को जल, थल और नभ मार्गों से जोड़ा गया है, जिससे यह गंगा का ऐसा पहला घाट बन गया है। प्रशासन, देव दीपावली के आयोजन को लेकर सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए तैयारियों में जुटा है। वैसे नमो घाट इस समय पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो रहा है। बताया जा रहा है कि काशी के 84 घाटों में यह अब सबसे बड़ा घाट बनने जा रहा है, जहां अत्याधुनिक सेवाएं होंगी। इसके साथ ही यह घाट पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है।
21 हजार वर्ग क्षेत्र में हुआ है निर्माण
नमो घाट का निर्माण 21,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। इसमें वॉकवे, नदी तक जाने वाली सीढ़ियां, रैंप, फोर-व्हीलर और टू-व्हीलर पार्किंग, ओपन थिएटर, टॉयलेट, फूड कोर्ट और गजीबो बेंच जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है। पहले चरण की लागत 36 करोड़ और दूसरे चरण में 40 करोड़ की लागत से यहां 60,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में हेलीपोर्ट, वाटर स्पोर्ट्स एरिया, वीआईपी लाउंज, चिल्ड्रेन प्ले एरिया, और विसर्जन कुंड जैसे क्षेत्र विकसित किए गए हैं। यहां के खंभों में प्राचीन शिल्पकला व वास्तुकला के उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं।
जल, थल और नभ मार्ग से कनेक्टिविटी
नमो घाट की एक विशेषता यह है कि यह घाट जल, थल और नभ तीनों मार्गों से जुड़ा हुआ है। यहां से अयोध्या समेत अन्य धार्मिक नगरों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना है, जो महाकुंभ तक शुरू हो सकती है। इससे श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ और रामलला के दर्शन के लिए यात्रा में सुविधा मिलेगी। इसके लिए यहां हेलीपैड भी बनकर तैयार है।