बरेली में एक महिला शिक्षक के खिलाफ चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पाकिस्तानी नागरिक शुमायला खान नौ साल तक सरकारी स्कूल में सहायक टीचर की नौकरी करती रही। उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल की थी। जांच के बाद शिक्षिका को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
फर्जी दस्तावेजों से नौकरी का खुलासा
शुमायला खान ने 2015 में फतेहगंज पश्चिमी स्थित प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक टीचर के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी। नौकरी के लिए उसने एसडीएम सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी फर्जी निवास प्रमाण पत्र जमा किया था। जांच में पता चला कि यह प्रमाण पत्र फर्जी है और शुमायला वास्तव में पाकिस्तान की नागरिक है।
LIU (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) से सूचना मिलने के बाद यह मामला प्रकाश में आया। शिक्षा विभाग ने महिला टीचर से दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद तहसीलदार सदर, रामपुर की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि शुमायला ने फर्जी जानकारी देकर निवास प्रमाण पत्र बनवाया था।
पाकिस्तान में जन्म, भारत में शिक्षा
शुमायला खान का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। जन्म के कुछ समय बाद वह अपनी मां के साथ भारत आ गई। यहां उनकी मां ने बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया, हालांकि उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली। शुमायला ने धीरे-धीरे अन्य सभी जरूरी दस्तावेज जैसे पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्र भी बनवा लिए।
रामपुर में शुमायला ने अपनी शिक्षा पूरी की और मेरिट के आधार पर बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) में प्रवेश पाया। बीटीसी के बाद 2015 में उनका चयन सरकारी प्राथमिक विद्यालय के सहायक टीचर पद पर हुआ।
शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
जांच के दौरान शिक्षिका से कई बार दस्तावेज मांगे गए, लेकिन उसने ठोस सबूत पेश नहीं किए। इसके बाद मई 2024 में उसे निलंबित कर दिया गया था। लंबी जांच के बाद शिक्षा विभाग ने अब उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) संजय सिंह ने बताया कि महिला शिक्षिका के खिलाफ शिकायतें लगातार मिल रही थीं। तहसील स्तर से हुई जांच और दस्तावेजों की पुष्टि में यह साफ हो गया कि शुमायला खान ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी।
मां भी दे चुकी है फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेवाएं
शुमायला खान की मां माहिरा अख्तर भी इससे पहले पाकिस्तानी नागरिकता छिपाकर नौकरी कर चुकी हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, माहिरा अख्तर की सेवाएं भी इस कारण समाप्त की जा चुकी हैं।
मुकदमा दर्ज, जांच जारी
फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी ने शुमायला खान के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। बरेली नॉर्थ एसपी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि शिक्षिका के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नियुक्ति से लेकर बर्खास्तगी तक का सफर
शुमायला खान को 2015 में माधोपुर के प्राथमिक विद्यालय में सहायक टीचर के रूप में नियुक्त किया गया था। उस समय उसने रामपुर प्रशासन द्वारा जारी फर्जी निवास प्रमाण पत्र का उपयोग किया। इसके बाद से वह सरकारी नौकरी करती रही।
जांच में पाया गया कि शुमायला खान के पास भारत की नागरिकता से संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं है। इसके बावजूद उसने सभी जरूरी दस्तावेज बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। BSA संजय सिंह ने बताया कि शिक्षिका के दस्तावेज फर्जी पाए जाने के बाद उनकी सेवा नियुक्ति की तिथि से ही समाप्त कर दी गई है।
शिक्षा विभाग में हड़कंप
इस मामले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, नियुक्ति प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।