वाराणसी/चंदौली/जौनपुर। प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे के बाद पूर्वांचल के 13 श्रद्धालु लापता हो गए हैं, जिनमें आजमगढ़ और बलिया के 4-4, जौनपुर के 2 तथा वाराणसी, चंदौली और मऊ जिले के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं। लापता लोगों से संपर्क न हो पाने के कारण उनके परिजन बेहद चिंतित हैं और प्रयागराज में लगातार उनकी तलाश कर रहे हैं।
वाराणसी जिले के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव की 55 वर्षीय प्रभावती देवी महाकुंभ के दौरान लापता हो गईं। उनका बेटा विजय शंकर पटेल प्रयागराज में उनकी खोजबीन कर रहा है। विजय के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन प्रभावती देवी गांव के अन्य लोगों के साथ प्रयागराज गई थीं, जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल पाया है।
चंदौली जिले के भभौरा गांव, जो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का पैतृक गांव है, के निवासी भगवान दास की 74 वर्षीय पत्नी राजमती स्नान के बाद से लापता हैं। उनके बेटे प्रेमचंद ने कोतवाली पुलिस को इस संबंध में शिकायत दी है।
जौनपुर जिले में चंदवक घाट के रहने वाले 45 वर्षीय मुंशी नाविक और चिटकों गांव निवासी 75 वर्षीय पंचम राजभर भी हादसे के बाद से गायब हैं। वहीं, बलिया जिले के नगरा क्षेत्र के भीटकुना ग्राम पंचायत की 60 वर्षीय राजेश्वरी देवी भारी भीड़ में अपने बेटे रवि प्रकाश से बिछड़ गईं।
बलिया जिले के ही बुद्धिपुरी क्षेत्र की 53 वर्षीय शुभावती देवी, दोकटी थाना क्षेत्र के धतुरी टोला गांव की 60 वर्षीय मैना देवी और देवकली गांव की एक अन्य महिला के भी लापता होने की खबर है।
आजमगढ़ जिले के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के आंधीपुर गांव निवासी 62 वर्षीय बाबूराम राजभर अपनी पत्नी भानमती के साथ 28 जनवरी को 20 अन्य ग्रामीणों के साथ प्रयागराज गए थे। 29 जनवरी को यह दंपती समूह से अलग हो गया, जिसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं है।
बरदह निवासी रतिलाल ने बताया कि बर्रा गांव की अमोला देवी, जो उदई राजभर की पत्नी हैं, हादसे के बाद से लापता हैं। इसी तरह भादों गांव की कंचन गुप्ता ने बताया कि उनकी सास शारदा देवी, जो संतु साव की पत्नी हैं, का भी कुछ अता-पता नहीं है।
मऊ जिले के लाला राजभर भी हादसे के बाद से लापता हैं, जबकि उनकी पत्नी प्रभावती की मृत्यु हो चुकी है। परिजन सभी जगह उनकी तलाश में जुटे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।