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विदेशों में 13 हजार से अधिक की फौज, अवैध फंडिंग, गृहयुद्ध की साजिश, भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहता है PFI
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एक और बड़ा खुलासा किया है। जांच में पता चला कि PFI का विदेशों में बड़ा नेटवर्क है, जिसमें सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य शामिल हैं। PFI ने इन देशों में फंड जुटाने के लिए एक विशेष समिति बनाई है, जो इकट्ठा किए गए पैसे भारत भेजती है। इन पैसों का उपयोग आतंकवादी और गैर-कानूनी गतिविधियों में किया जाता है। ED की जांच के अनुसार, PFI का असली मकसद भारत में जिहाद के माध्यम से इस्लामी राज्य की स्थापना करना है।
पिछले तीन सालों में PFI से जुड़े 26 लोगों की गिरफ्तारी
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चल रही जांच के दौरान ED ने अब तक PFI से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान एजेंसी ने 94 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का पता लगाया है। सूत्रों के अनुसार, PFI को भारत में फिर से संगठित करने की साजिश की जा रही है।
PFI के 29 खातों में देश और विदेश से फंड ट्रांसफर
प्रवर्तन निदेशालय ने PFI की 35 संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत करीब 57 करोड़ रुपये है, जब्त की हैं। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कंपनियां और व्यक्तिगत संपत्तियां शामिल हैं। जांच में पता चला कि PFI के 29 बैंक खातों में देश और विदेश से फंड भेजा गया था। ये फंड हवाला और अन्य गैर-कानूनी माध्यमों से भेजे गए थे।
PFI के विदेशों में नेटवर्क और फंडिंग का उद्देश्य
ED ने पाया कि सिंगापुर और खाड़ी देशों में सक्रिय 13,000 से अधिक PFI सदस्य गैर-निवासी मुसलमानों से पैसे इकट्ठा करने के लिए काम कर रहे थे। इस उद्देश्य के लिए डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव समिति (DEC) बनाई गई थी, जिन्हें करोड़ों रुपये की फंडिंग का लक्ष्य दिया गया था। यह फंड भारत में PFI की आतंकवादी और अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
PFI का असली मकसद: इस्लामी राज्य की स्थापना
ED की जांच में सामने आया कि PFI का असली उद्देश्य भारत में इस्लामी राज्य की स्थापना करना है, जबकि संगठन खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में प्रस्तुत करता रहा है। PFI ने अपने कार्यों को गैर-हिंसक बताया था, लेकिन उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि उनके विरोध हिंसक थे।
गृहयुद्ध की साजिश और गोरिल्ला युद्ध की तैयारी
ED ने यह भी खुलासा किया कि PFI भारत में गृहयुद्ध की योजना बना रहा था। संगठन ने हवाई हमले और गोरिल्ला युद्ध के लिए एक अलग टेली कम्युनिकेशन सिस्टम बनाने की तैयारी की थी। इसके अलावा, PFI ने अपने सदस्यों को अधिकारियों को धोखा देने, सामाजिक रिश्ते बनाने और नकली अंतिम संस्कार करने के निर्देश दिए थे।
देश की अखंडता को कमजोर करने की साजिश
PFI भारत की एकता और अखंडता को कमजोर करने की साजिश रच रहा था। संगठन ने कानूनों का उल्लंघन करने, दोहरी पहचान अपनाने और समानांतर सरकार चलाने जैसे कई गंभीर आरोपों का सामना किया है। फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों में हिंसा भड़काने से लेकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अस्थिरता फैलाने की योजना तक, PFI पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
PFI से जुड़ी संपत्तियों की जब्ती
जांच के बाद, PFI से जुड़ी 35 अचल संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत 56.56 करोड़ रुपये है, जब्त की गई हैं। इन संपत्तियों को PFI से जुड़े व्यक्तियों, ट्रस्टों और कंपनियों के नाम पर रखा गया था। NIA ने PFI के नेताओं और कैडरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर 17 संपत्तियों को 'आतंकवाद से कमाई गई आय' के रूप में चिन्हित किया है और उन्हें भी जब्त कर लिया है।