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बहराइच हिंसा: भगवा झंडा लहराने के 25 मिनट बाद हुई थी रामगोपाल की हत्या, अब्दुल के घर से सबसे पहले शुरू हुआ था पथराव
बहराइच। बहराइच के महाराजगंज बाजार में दुर्गा रविवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी में 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई। राम गोपाल की शादी को सिर्फ चार महीने हुए थे और सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद जब शव घर पहुंचा, तो उसकी पत्नी रोली मिश्रा बेहोश हो गई। होश में आने पर रोली ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनके एनकाउंटर की मांग की।
हिंसा से पहले राम गोपाल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह एक दूसरे समुदाय के घर की छत पर भगवा झंडा लहराते हुए दिख रहा है। इसी दौरान छत की रेलिंग टूट जाती है और स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है, जिसके बाद गोलीबारी और पथराव शुरू हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगवा झंडा फहराने के लगभग 25 मिनट बाद राम गोपाल को गोली मार दी गई। बताया जा रहा है कि जिन लोगों के घर की छत पर वह झंडा लहरा रहा था, वे लोग उसे अंदर खींचकर ले गए, पीटा और गोली मार दी।
राम गोपाल के पिता कैलाश चंद्र मिश्रा किसान हैं और उनका परिवार रेहुआ मंसूर गांव में रहता है। राम गोपाल धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेता था और हिंदू संगठनों से जुड़ा हुआ था, लेकिन उसका किसी संगठन में औपचारिक पद नहीं था। घटना के बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पथराव अब्दुल हमीद के घर से शुरू हुआ था।
राम गोपाल के भाई वैभव मिश्रा ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि पुलिस ने हमलावरों को अंदर कर दिया। घटना के बाद परिवार ने पुलिस प्रशासन पर भी लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए और न्याय की मांग की। राम गोपाल की पत्नी रोली मिश्रा ने दोषियों को फांसी की सजा देने की अपील की और कहा कि उनके पति की हत्या का बदला खून से लिया जाना चाहिए।