राजनीति व अपराध की दुनिया का धुरंधर रहा है बाहुबली विधायक विजय मिश्र, पढ़िए पूरी क्राइम कुंडली

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MLA Vijay Mishra: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में ज्ञानपुर के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र को कोर्ट ने 15 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले एमपी/एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को विजय मिश्र को दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया था और उसके बेटे और नाती को बरी किया था।

 

कोर्ट के इस फैसले के बाद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। कोर्ट परिसर में डॉग स्क्वायड, क्राइम ब्रांच संग थाने की पुलिस की तैनाती की गई थी।

 

गौरतलब है कि संपत्ति हड़पने के मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्र [MLA Vijay Mishra] समेत उसके पूरे कुनबे पर मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद मध्य प्रदेश के आगर से उसे गिरफ्तार किया गया था। मिश्र की गिरफ़्तारी के बाद  वाराणसी के जैतपुरा की रहने वाली एक गायिका ने पूर्व विधायक विजय मिश्र, बेटे विष्णु मिश्र व नाती विकास मिश्र के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें करीब तीन साल से कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।

एक सप्ताह पूर्व सुनवाई पूरी होने पर सजा के फैसले की सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई थी। जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को मुकदमे में विजय मिश्र [MLA Vijay Mishra] को दोषी करार दिया और इसी मामले में उसे कोर्ट ने 15 वर्ष की सजा सुनाई। इस दौरान कोर्ट परिसर के आस पास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही।

 

विधायक विजय मिश्रा [MLA Vijay Mishra] का राजनीतिक सफर

 

  • भदोही से कांग्रेस ब्लॉक प्रमुख के रूप में तीन दशक पहले राजनीतिक यात्रा की शुरुआत।
  • ज्ञानपुर सीट से 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट से जीता।
  • अखिलेश यादव ने ‘बाहुबली -विरोधी’ छवि मज़बूत करने के लिए 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उसका टिकट काट दिया।
  • जवाब में विजय मिश्रा निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और मोदी लहर के बावजूद चुनाव जीता।
  • 2022 विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी से टिकट काटे जाने पर विजय मिश्रा ने प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा पर वह यह चुनाव हार गया। इस चुनाव में वह तीसरे पायदान पर रहा।

MLA Vijay Mishra का अपराधिक इतिहास

 

विजय मिश्र [MLA Vijay Mishra] राजनीति के साथ ही जरायम की दुनिया का भी धुरंधर रहा है। उस पर लूट, कब्ज़ा, हत्या, दुष्कर्म, जालसाजी, धमकी समेत 83 मुकदमे दर्ज हैं। अक्टूबर 2022 में उसे एमपी/एमएलए कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में ढाई साल की सजा सुनाई थी।

 

प्रयागराज एमपी/एमएलए कोर्ट ने मार्च 2023 में विजय मिश्र और उसके गनर संजय मौर्य को चुनावी सभा में फायरिंग मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई।

 

तीसरा मुकदमा सामूहिक दुष्कर्म का है। जिसमें कोर्ट ने शनिवार को 15 वर्ष की सजा सुनाई है। आरोप रहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बेटी के चुनाव प्रचार के दौरान उसने  वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र की रहने वाली सिंगर से दुष्कर्म किया। इस मामले में विजय के बेटे और नाती पर भी आरोप लगा था। लेकिन साक्ष्यों के आभाव में कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों को बरी कर दिया।

 

बसपा सरकार में दर्ज मुकदमा, सपा सरकार में ढिलाई

 

बसपा सरकार में विजय मिश्र [MLA Vijay Mishra] के खिलाफ वर्ष 2009 में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही मुकदमों में सुनवाई लंबित हो गई थी।

 

हालांकि 2020 में जेल जाने के बाद उसके नए और पुराने मामले में सुनवाई तेज हुई। इसके खिलाफ जिले के साथ ही कई प्रान्तों में 83 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें 21 मुकदमे अभी भी विचाराधीन हैं, सात मुकदमे शासन से वापस हो गए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती के मुताबिक, सात मुकदमों को शासन ने वापस ले लिया।

 

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