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वाराणसी के अंकित यादव ने जरायम की दुनिया में बनाया था अपना वर्चस्व, पुलिस ने रखा था एक लाख का ईनाम, सपा से बगावत कर थामा था भाजपा का दामन

वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मीरघाट में दिन-दहाड़े सपा नेता दिनेश यादव के घर पर फायरिंग करने वाले एक लाख रुपए के इनामिया को UP STF ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। STF ने अंकित यादव को झारखंड से गिरफ्तार किया है। आरोपी घटना के बाद से ही झारखंड में छिपकर रह रहा था। एसटीएफ आरोपी को थाना पाकुर नगर कोतवाली (झारखण्ड) में पेश कर न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड पर वापस ला रही है। आरोपी अंकित यादव पुत्र – बंशी यादव लक्सा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीकुंड का रहने वाला है। 


एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेश प्रताप सिंह इस मामले की जांच कर रहे थे। सबूतों व गिरफ्तार अन्य अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि अंकित यादव एक मनबढ किस्म का दबंग अपराधी है। इसने अपने क्षेत्र के कुछ मनबढ किस्म के लडको का एक गैंग बनाया है। यह गैंग आस-पास को लोगों से वसूली आदि का काम करता है। आस-पास के लोगों में इसका इतना भय है कि लोग इसकी शिकायत पुलिस से करने में डरते थे। इसके विरूद्ध कैंट, कोतवाली समेत वाराणसी कमिश्नरेट के कई थानों में कई केस दर्ज हैं।

 


सबसे कम उम्र का पार्षद


गिरफ्तार अंकित यादव भाजपा का नेता है। उसने फरवरी 2024 में ही एक भाजपा विधायक के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ली थी। उसकी भाजपा के मंत्री व विधायकों से नजदीकियां भी हैं। अंकित 2017 में समाजवादी पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने वाला सबसे कम उम्र का पार्षद भी था। पार्षद बनने के बाद उसने स्वयं को राजनीति के साथ ही अपराध की दुनिया में भी एक्टिव कर लिया था। 


30 जून को सपा नेता के घर में घुसकर की थी फायरिंग


इसी बीच उसने बीते 30 जून को वाराणसी के सबसे सेंसिटिव एरिया कहे जाने वाले विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के निकट दशाश्वमेध क्षेत्र के मीरघाट इलाके में तीन दर्जन लड़कों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। जिसमें तीन लोग जख्मी हुए थे।  मौके पर दहशत का माहौल पैदा हो गया था। इस मामले में अंकित यादव के कई साथियों को दशाश्वमेध पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घटना के बाद तत्कालीन दशाश्वमेध थानेदार को पुलिस कमिश्नर ने लाइन हाजिर करते हुए तत्कालीन चौकी प्रभारी को सस्पेंड किया था।

 


खुल सकते हैं अपराध की दुनिया के कई और राज


एसटीएफ ने अंकित को झारखंड से गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि एसटीएफ शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके उसकी रिमांड ले सकती है। इसके बाद अंकित की अपराधिक दुनिया के कई और राज खुल सकते हैं। अंकित के अपराधिक दुनिया में आने का सिलसिला पार्षद बनने के बाद से ही शुरू हो गया था। वाराणसी के कोतवाली थाने में 2022 में मारपीट और फायरिंग के मामले में पार्षद अंकित यादव का नाम आया था। जिसमें कोतवाली के रहने वाले श्याम बाबू यादव की तहरीर पर हत्या के प्रयास, मारपीट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह घटना भी अपने आप में काफी चर्चित थी। समाजवादी पार्टी के नेता के साथ पुराने विवाद को लेकर पहले मारपीट हुई और फिर गोलियां भी चलीं, जिसमें तीन लोग जख्मी भी हुए थे। इसके अलावा अंकित पर कैंट थाने, कोतवाली, दशाश्वमेध थाने में मारपीट धमकी, हत्या के प्रयास सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हैं।


युवाओं का बनाया था गैंग


अंकित पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसे जब झारखंड से गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने कई राज भी खोले हैं। पुलिस के मुताबिक, सबसे बड़ी बात यह है कि अंकित के पास युवा लड़कों का एक अच्छा खासा गैंग मौजूद था। अंकित इन युवा लड़कों के गैंग को खुद ऑपरेट करता था और अपराध जगत में एक नया और युवा चेहरा बनाकर उबरने का सपना देख रहा था। राजनीति से अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बनाने के चक्कर में अंकित ने सपा पार्षद पर हमला भी करवाया था। क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए अंकित ने जिस तरह से लगभग तीन दर्जन से ज्यादा लड़कों को असलहों के साथ अति संवेदनशील एरिया में भेजकर अपनी दहशत को फैलाने का काम किया था, उसने पूरे महकमे को हिला दिया था।

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