Rajesh Khanna Death Anniversary: ‘आनंद’ मरा नहीं करते, रोमांटिक हीरो के तौर पर राजेश खन्ना बन गये थे पहले सुपरस्टार

Rajesh Khanna Death Anniversary: राजेश खन्ना ऐसा नाम है जो स्टारडम के शिखर पर खूब इठलाया, इतराया और कैरियर के ढलान में शराब में खुद को डुबो दिया। आँखों को बंद करके सिर को हिलाते हुये मंद-मंद मुस्कुराने वाले इस अभिनेता ने अपने दौर में करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया। वो दौर भी था जब राजेश खन्ना की सफ़ेद कार लड़कियों के लिपस्टिक से लाल हो जाती थी।


राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) एक छरहरे बदन और ऊँचा कद वाला सुकुमार अभिनेता जो कभी भी परदे पर चार-छः गुंडों से एक साथ नहीं लड़ता था। वो परदे पर कभी लड़ाई नहीं करता था क्योंकि वो सुकुमार अभिनेता केवल प्रेम करना जानता था। वो परदे पर प्रेम करता था, उसे जीता था और वो अमर प्रेम का पुजारी था। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का असली नाम ‘जतिन अरोरा’ था। लेकिन प्रसंशकों ने उन्हें प्यार से ‘काका’ कहा। काका जब बहुत प्रसिद्ध हुए तो कहावतें भी बन गयी ‘ऊपर आका, नीचे काका।’


Rajesh Khanna: असफल फ़िल्में कर चमके बॉलीवुड के ‘काका’


काका यानि राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। 1965 में यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फ़िल्मफेयर ने टैलेंट हंट प्रतियोगिता किया। वे नया हीरो खोज रहे थे। फ़ाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें एक राजेश खन्ना भी थे। अंत में राजेश खन्ना विजेता घोषित किए गए।


इसके बाद चेतन आनंद ने 1966 में आयी अपनी फिल्म ‘आख़िरी ख़त’ उन्हें बतौर अभिनेता पहला मौका दिया। फिल्म ने औसत सफलता अर्जित की। इसके बाद राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने ‘राज, बहारों के सपने, और औरत’ फिल्म में काम किया। ये तीनों फ़िल्में असफल रहीं।

 


1969 में ‘आराधना’ फिल्म आयी, और ये फिल्म राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के कैरियर की सबसे बड़ी बड़ी और हिट्स फिल्म रही। इस फिल्म का संगीत सचिनदेव ने दिया था। लेकिन फिल्म का एक गीत ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ जिसको राहुलदेव बर्मन ने अपने पिता सचिनदेव के अस्वस्थ होने पर कंपोज किया था।


इस गीत को किशोर कुमार ने गाया था। ये गीत उस दौर का सबसे प्रसिद्ध गीत रहा और इस गीत ने ही ‘आराधना’ फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। इस गीत और फिल्म के साथ राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) रातों ही रात सफलता के शिखर पर थें। और इसी गीत से राजेश-किशोर-राहुलदेव की तिकड़ी ने जो कमाल किया वो डेढ़ दशक तक कायम रहा। इस तिकड़ी ने 30 फिल्मों में एक साथ काम किया।

 

‘आराधना’ की सफलता के बाद अगले 4 सालो में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने 15 हिट्स फिल्म दिये इनमें ‘कटी-पतंग, आनंद, अमर-प्रेम, आन मिलो सजना, महबूब की मेहँदी, हाथी मेरे साथी, अंदाज़, दो रास्ते, सफ़र, ख़ामोशी, सच्चा झूठा, दुश्मन’ शामिल है। इन सफल फिल्मों ने राजेश खन्ना को बॉलीवुड का पहला ‘सुपर स्टार’ बना दिया। और उनके चाहने वालों ने राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को प्यार से ‘काका’ कहना शुरू कर दिया। उस दौर में वो कहावत भी खूब लोकप्रिय हुआ ‘ऊपर आका और नीचे काका।’


‘आनंद’ फिल्म राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की सबसे प्रसिद्ध फिल्म है। इस फिल्म में उनका अभिनय सजीव और कालजयी है। आनंद फिल्म में उनके साथ ‘अमिताभ’ थें। जिनका कैरियर शुरू हुआ था। इस फिल्म में एक समकालीन सुपरस्टार था तो दूसरा भविष्य का सुपरस्टार। और दूसरी महत्वपूर्ण फिल्म थी ‘नमक हराम’ इस फिल्म में भी उनके साथ ‘अमिताभ’ थे।

 


ये फिल्म राजेश और अमिताभ दोनों के कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्म है। क्योंकि इस फिल्म के बाद जहाँ अमिताभ का कैरियर शिखर छूता है वही राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का कैरियर ढालान की ओर आता है। आनंद और आविष्कार फिल्म में अभिनय के लिये राजेश खन्ना को ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार’ मिलता है। और इससे पहले ‘सच्चा झूठा’ फिल्म के लिये उन्हें फिल्म फेयर मिला था।


1973 से 75 के बीच में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने ‘बावर्ची, मेरे जीवन साथी, जोरू का गुलाम, अनुराग, दाग, रोटी, हमशक्ल, प्रेम नगर, आविष्कार, अजनबी, आप की कसम और नमक हराम’ जैसी हिट्स फिल्म किया। सन 1976-78 उनके कैरियर के लिये बहुत बुरा समय रहा। इस दौरान उनकी 7 फिल्में ‘महबूबा, त्याग, पलकों की छांव में, नौकरी, जनता हवलदार, चक्रव्यूह’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गयी और फिर उनका कैरियर नहीं सँभला।


हालांकि 80 के दशक में उन्होंने काफी फिल्मे की लेकिन वे अधिकांश असफल और स्तरहीन रही। इस दौर में उनकी कुछ यादगार फ़िल्में रही जिनमे ‘अमरदीप, थोड़ी सी बेवफाई, क़ुदरत, दर्द, धनवान, जानवर, निशान, सौतन, अगर तुम न होते, अवतार, स्वर्ग और घर परिवार’ शामिल है।

 


राजनीतिक कैरियर


इन असफलताओं के बीच में ही राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने राजनीति में भी हाथ आजमाये और 1991 से 1996 तक वे कांग्रेस के सांसद भी रहें। 1994 के बाद राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी खेली और उन्होंने चरित्र किरदार निभाते हुये ‘आ अब लौट चले, क्या दिल ने कहा, प्यार जिंदगी है, जाना और वफ़ा’ फिल्म में काम किया।


राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने डिंपल कपाड़िया से शादी की थी। और उनकी दो संताने हुई ट्विंकल और रिंकल। ट्विंकल का जन्म भी 29 दिसम्बर को हुआ है जिस तारीख को राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का जन्म हुआ था। अभिनेता अक्षय कुमार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के दामाद हैं। राजेश खन्ना ने मुमताज के साथ 8 फिल्मों में काम किया था। और उनसे उनकी नजदीकियां कभी सुर्खियां बनी थी। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को सच्चा-झूठा, आनंद और आविष्कार फिल्म में सजीव अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है।


18 जुलाई 2012 को लम्बी बिमारी के चलते राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का निधन हो गया। पुण्यतिथि पर सुपरस्टार काका को उनके ऊपर फिल्माएं एक गीत की कुछ पंक्तियों के साथ विनम्र श्रद्धांजलि…!

‘कभी देखो मन नहीं जागे
पीछे पीछे सपनों के भागे
एक दिन सपनों का राही
चला जाये सपनों से आगे कहाँ
जिंदगी कैसी है पहेली हाए
कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाए’

Latest News