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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ जाने वाली भीड़ में भगदड़: 18 की मौत, 25 से ज्यादा घायल, भीड़ इतनी कि पांव रखना मुश्किल, जानिए हादसे की बड़ी वजह

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जिनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, 25 से अधिक लोग घायल हो गए। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने इन मौतों की पुष्टि की है।


कैसे हुआ हादसा?


घटना प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुई, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ महाकुंभ जाने के लिए जुटी थी। शाम 4 बजे से ही स्टेशन पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब रात 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली तीन ट्रेनों में देरी की घोषणा हुई। ट्रेनें लेट होने से यात्री परेशान हो गए और भीड़ अनियंत्रित हो गई, जिसके चलते भगदड़ मच गई।


रेलवे ने पहले किया इनकार, फिर सामने आई सच्चाई


शुरुआत में नॉर्दर्न रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (CPRO) ने भगदड़ की खबर को अफवाह बताया। हालांकि, बाद में LNJP अस्पताल ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी, जिससे स्थिति की गंभीरता सामने आई।


दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। इसके करीब 20 मिनट बाद LNJP अस्पताल ने मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं


इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के चलते 36 लोगों की जान चली गई थी।

 


क्या कारण बने हादसे की वजह?


1.    अचानक ट्रेन प्लेटफॉर्म बदलने से बढ़ी अफरातफरी


प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस—तीनों ही प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें थीं। दो ट्रेनों की देरी के चलते प्लेटफॉर्म 14 पर पहले से ही भीड़ थी। जब प्रयागराज स्पेशल वहां पहुंची, तभी घोषणा हुई कि भुवनेश्वर राजधानी अब प्लेटफॉर्म 16 पर आएगी। इससे घबराए यात्री प्लेटफॉर्म 16 की ओर भागने लगे और भगदड़ मच गई।


2.    बिना टिकट यात्री भीड़ बढ़ाने में बड़ी वजह बने


स्टेशन पर टिकट काउंटर पर भी भारी भीड़ थी, जिसमें से 90% यात्री प्रयागराज जाने वाले थे। ट्रेन के आने की घोषणा होते ही कई लोग टिकट लिए बिना ही प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ पड़े, जिससे हालात बेकाबू हो गए।


3.    स्टेशन प्रशासन की लापरवाही


बीते दो सप्ताह से महाकुंभ के कारण यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, लेकिन स्टेशन प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए कोई कंट्रोल रूम स्थापित नहीं किया। शनिवार शाम 7 बजे के बाद भी जब भीड़ बढ़ने लगी, तब भी सुरक्षा व्यवस्था नदारद रही।


4.    पुलिस बोली – जान बचानी है तो लौट जाओ


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि लोगों को खड़े होने की भी जगह नहीं मिल रही थी। पुलिस बल भी बहुत सीमित था और वे यात्रियों को लौटने की सलाह दे रहे थे। कई यात्रियों ने बताया कि पुलिस कह रही थी—"अगर जान बचानी है, तो लौट जाओ, पैसे बाद में आ जाएंगे।"


5.    कन्फर्म टिकट वाले यात्री भी ट्रेन में नहीं चढ़ सके


प्रमोद चौरसिया नाम के यात्री, जिनके पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की कन्फर्म स्लीपर टिकट थी, ने बताया कि ट्रेन में घुसने की जगह ही नहीं थी। यहां तक कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बों में घुसने में असफल रहे।


6.    ट्रेनों की देरी और रद्दीकरण ने बढ़ाई भीड़


प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि दो ट्रेनें पहले ही देरी से चल रही थीं, जबकि कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। इससे यात्रियों की संख्या स्टेशन पर जरूरत से ज्यादा बढ़ गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली बार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी और कई महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।


उपराज्यपाल व प्रधानमंत्री ने जताई संवेदना


दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रात 11:55 बजे ट्वीट कर हादसे पर संवेदना जताई। लेकिन 12:24 बजे उन्होंने अपना ट्वीट एडिट कर दिया और "मौतों" का जिक्र हटा दिया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12:56 बजे ट्वीट किया—


"नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्दी ठीक हों।"

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