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यूपी में यह क्या चल रहा है... बीजेपी में भारी पड़ेगी गुटबाजी, सरकार में खींचतान के बीच केशव मौर्य से मिलने पहुंचे राजभर

लखनऊ। यूपी बीजेपी में चल रही खींचतान अब प्रत्यक्ष रूप से सामने आ चुकी है। मामला अब मंत्रियों के गुटबाजी तक आ पहुंचा है। पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीक्षा रिपोर्ट में भीतरघात की बात सामने आई थी, वहीं अब पार्टी में गुटबाजी भी हावी हो रही है। 

 

पिछले कुछ दिनों से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के बीच जो तू तू मैं मैं की खबर आ रही थी। उससे दोनों के बीच खटपट अनबन सामने आई थी। सोमवार को सीएम योगी ने आजमगढ़ व वाराणसी में सीएम योगी ने अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भी बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए। जबकि वह केशव प्रसाद मौर्य से मिलने लखनऊ पहुंच गये। 

 

ओम प्रकाश राजभर व केशव मौर्य की लखनऊ में करीब 30 मिनट तक मुलाकात हुई। राजभर ने इस मुलाकात की दो फोटो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट की। इस फोटो में दोनों में एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए नजर आ रहे हैं। इसके बाद राजभर और मौर्य की इस मुलाकात को एक नए सियासी एंगल से जोडकर देखा जा रहा है। 

 

माना जा रहा है कि बीजेपी में यह अंतर्कलह सत्ता पर भारी पड़ सकती है। बीते 14 जुलाई को लखनऊ में भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई थी। उसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच खींचतान की बात खुलकर सामने आई थी। इस बैठक के अगले दिन केशव मौर्य ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद से माना जा रहा था कि इस मुलाकात के बाद दोनों में कुछ दूरियां कम होंगी लेकिन दो दिनों में दोनों नेताओं के बीच फिर खींचतान दिखी। 

 

अपनी ही पार्टी से विपक्ष की तरह सवाल?

 

केशव मौर्य ने विपक्ष की तरह सीएम योगी के विभाग से सवाल पूछा था कि विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई नियुक्तियों के बारे में पूछा था। उन्होंने इसे लेकर रिपोर्ट भी मांगी थी। केशव ने संविदा भर्ती में रिजर्वेशन के 2008 के शासनादेश का पालन करने के भी निर्देश दिए। यह विभाग सीएम योगी के पास है।

 

इसको लेकर केशव ने 15 जुलाई को नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग (डीओएपी) के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि विधान परिषद के प्रश्नों की ब्रीफिंग के दौरान कार्मिक विभाग के अधिकारियों से आउटसोर्सिंग और संविदा पर कार्यरत कुल अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। लेकिन यह जानकारी कार्मिक विभाग के पास नहीं थी।

 

प्रयागराज की बैठक में क्यों नहीं शामिल हुए केशव मौर्य?

 

इसके बाद प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बेटे की शादी का रिसेप्शन था। सीएम योगी और केशव मौर्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे। सीएम ने कार्यक्रम में जाने से पहले प्रयागराज सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक की, लेकिन केशव बैठक में शामिल नहीं हुए। वह योगी के प्रयागराज पहुंचने से पहले ही कौशांबी के लिए निकल गए। केशव से जब मीडिया कर्मियों ने पूछा- सरकार और संगठन में क्या चल रहा है? कुछ अफवाहें आ रही हैं? इस पर क्या कहेंगे? केशव ने मुस्कराते हुए कहा- कुछ नहीं, कोई अफवाह नहीं है... धन्यवाद।

 

सरकार और संगठन...

 

इसके अलावा पिछले दिनों केशव मौर्य के सरकार और संगठन वाले बयान ने भी खूब सियासी तूल पकड़ा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार से बड़ा संगठन है। हालांकि सूत्रों की मानें तो केशव मौर्य को इस बयान के लिओये शीर्ष नेतृत्व से फटकार भी लगी थी। 

 

अंतर्कलह से RSS नाराज

 

सूत्रों की मानें तो बीजेपी में पैदा हुई सियासी हलचल को लेकर RSS काफी नाराज है। RSS योगी आदित्यनाथ को एक प्रखर हिंदूवादी नेता के तौर पर देखता है। RSS के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने केवल यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हिंदुत्व की विचारधारा को बढ़ाने का काम किया है। 

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