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पोर्नोग्राफी मामले में ED का एक्शन, राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी के घर पर छापेमारी, मोबाइल एप्प के जरिए पोर्न कंटेंट बनाकर करते थे शेयर

राज कुंद्रा और उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी के मुंबई स्थित घर पर शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पोर्नोग्राफी केस से जुड़े मामले में छापा मारा। इसके अलावा, कुंद्रा के ऑफिस और उत्तर प्रदेश समेत अन्य 15 स्थानों पर भी जांच चल रही है। ईडी की यह कार्रवाई मोबाइल एप्लिकेशन और अन्य माध्यमों से पोर्न सामग्री के प्रसार से संबंधित है।


'हॉटशॉट' ऐप पर फोकस


राज कुंद्रा पर आरोप है कि वह 'हॉटशॉट' नामक ऐप के जरिए पोर्न कंटेंट का निर्माण और वितरण करते थे। यह ऐप 2021 में गूगल और एप्पल स्टोर्स से हटा दी गई थी, जब राज पर पोर्नोग्राफी से जुड़े केस दर्ज हुए। कुंद्रा इस ऐप के मालिक माने जाते हैं, और जांच एजेंसियां इसके माध्यम से कमाए गए पैसे के स्रोतों की पड़ताल कर रही हैं।

 

 

कानपुर में कुंद्रा से जुड़े संपर्क का खुलासा


सिंगापुर में कुंद्रा के लिए काम करने वाले अरविंद्र श्रीवास्तव के कानपुर स्थित घर पर भी छापा मारा गया। अरविंद की पत्नी हर्षिता के बैंक खाते में 2019-2021 के बीच 2.33 करोड़ रुपये जमा होने का खुलासा हुआ, जबकि पहले खाते में केवल 20 हजार रुपये थे। ईडी इस पैसे को राज कुंद्रा से जोड़कर देख रही है।


जांच की मुख्य कड़ियां


1.    मड आइलैंड से शुरू हुई जांच:


फरवरी 2021 में मड आइलैंड में पुलिस ने पोर्न रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इसमें टीवी एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ का नाम सामने आया।


2.    वॉट्सऐप ग्रुप से मिले सुराग:


गहना से पूछताछ में राज कुंद्रा के सहकर्मी उमेश कामत का नाम सामने आया। उमेश ने 'हॉटशॉट' ऐप के वीडियो लंदन स्थित कुंद्रा के बहनोई प्रदीप बख्शी को भेजे थे, जो इसे 'केनरीन' नामक कंपनी के ऐप पर अपलोड करता था।


3.    डिजिटल सबूत:


वॉट्सऐप चैट्स और ईमेल्स के जरिए पता चला कि राज कुंद्रा इस पूरी साजिश के मास्टरमाइंड थे।

 


5 आरोपियों की जमानत ख़ारिज


इस मामले में एक्ट्रेस पूनम पांडे, शर्लिन चोपड़ा, और गहना वशिष्ठ को भी आरोपी बनाया गया था। इन पर अश्लील फिल्मों के निर्माण और प्रसारण का आरोप है। मुंबई हाई कोर्ट ने राज कुंद्रा और अन्य 5 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कुंद्रा को जुलाई 2021 में गिरफ्तार किया गया था। अब ईडी द्वारा जारी छापेमारी से इस मामले में नए खुलासों की उम्मीद है। यह मामला डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग और पोर्न सामग्री के वितरण के आर्थिक पहलुओं की पड़ताल में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।

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