छांगुर बाबा पर भड़कीं भाजपा विधायक उषा ठाकुर, बोलीं— ऐसे नरपिशाचों के प्रजनांग काट देने चाहिए, बेटियों की जिंदगी बर्बाद कर रहे

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इंदौर की महू विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और हिंदुत्व की मुखर आवाज मानी जाने वाली उषा ठाकुर ने उत्तर प्रदेश में कथित धर्मांतरण रैकेट के सरगना छांगुर बाबा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधियों को न सिर्फ कठोर सजा मिलनी चाहिए, बल्कि उनके हाथ-पैर और प्रजनांग भी काट देने चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके। उन्होंने इसे मानवता के विरुद्ध पाप करार देते हुए कहा कि ऐसे "नरपिशाच" देश की बेटियों और समाज की जड़ों को खोखला कर रहे हैं।


गुरुवार को इंदौर कलेक्टर कार्यालय में एक बैठक में शामिल होने पहुंचीं विधायक उषा ठाकुर से जब मीडिया ने छांगुर बाबा से जुड़े सवाल किए, तो वे बेहद आक्रोशित नजर आईं। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसे अपराधियों को उदाहरण बनाने वाली सजा नहीं दी जाएगी, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। उनका कहना था कि ये तत्व भारतीय संविधान की मर्यादा को नहीं मानते, बल्कि शरीयत के कानूनों को प्राथमिकता देते हैं, तो फिर सजा भी वैसी ही कठोर होनी चाहिए।

 


"हर वार्ड में छिपे हैं ऐसे भक्षक"


विधायक ठाकुर ने चेताया कि केवल एक छांगुर बाबा की गिरफ्तारी काफी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोगों का नेटवर्क देशभर के हर वार्ड और विधानसभा क्षेत्र तक फैला हुआ है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे ऐसे "धोखेबाज आध्यात्मिक नकाबपोशों" से सतर्क रहें, जो आस्था के नाम पर भोली-भाली जनता का शोषण कर रहे हैं।


उन्होंने भोपाल में हाल में सामने आई 'लव जिहाद' की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे तत्व न तो संविधान में विश्वास रखते हैं और न ही लोकतांत्रिक मूल्यों में। जब ये शरीयत की दुहाई देकर काम करते हैं, तो फिर कानून को भी उन्हीं के तर्ज पर इतना कठोर बनाना होगा कि कोई फिर ऐसी साजिश का हिस्सा बनने की हिम्मत न करे।


छांगुर बाबा गिरोह: धर्मांतरण की साजिश का जाल


उत्तर प्रदेश की एटीएस ने 5 जुलाई को छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन, उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसीरीन और दो अन्य को अवैध धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम, 2021 के तहत गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी के अनुसार, यह गिरोह एक संगठित नेटवर्क की तरह काम करता था और गैर-मुस्लिमों को झूठे वादे, लालच और भय दिखाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था।


जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा ‘आध्यात्मिक उपचार’ और चमत्कारी शक्तियों के नाम पर न सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहा था, बल्कि उसने इसी आड़ में बड़ी संपत्ति भी खड़ी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक उसके खातों की जांच के दौरान विदेशी फंडिंग और आर्थिक लेन-देन की भी परतें खुल रही हैं।


गरीब, विधवा और वंचित समुदाय निशाने पर


एफआईआर में यह भी दर्ज है कि यह गिरोह विशेष रूप से विधवा महिलाओं, मजदूर वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को निशाना बनाता था। उन्हें या तो रोजगार और पैसों का लालच देकर या फिर विवाह और इलाज का झांसा देकर धर्म परिवर्तन की ओर उकसाया जाता था। एटीएस को संदेह है कि इस पूरे ऑपरेशन के पीछे अंतरराज्यीय और संभवतः अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी हो सकता है।

 


"आस्था के नाम पर अपराध" — उषा ठाकुर


विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि समाज को ऐसे नकली बाबाओं से सतर्क रहने की आवश्यकता है, जो धर्म और अध्यात्म की आड़ में समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत की बेटियों की सुरक्षा और धार्मिक एकता को बचाने के लिए समय आ गया है कि हम ऐसे तत्वों पर कानून का डंडा नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक बहिष्कार भी थोपें।”


उन्होंने यह भी कहा कि जब तक समाज जागरूक नहीं होगा और ऐसे लोगों की साजिशों को समय रहते नहीं पहचानेगा, तब तक भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में अस्थिरता फैलाने वाले तत्व बार-बार सिर उठाते रहेंगे।

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