दिल्ली में ऐतिहासिक हुमायूं का मकबरा शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना। परिसर में स्थित दरगाह शरीफ पत्ते शाह के एक कमरे की छत का हिस्सा अचानक ढह जाने से अफरातफरी मच गई। यह घटना करीब चार बजे हुई, जब वहां कई लोग मौजूद थे। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी डॉ. श्रवण बागड़िया के अनुसार, मलबे में दबे लगभग 10 लोगों को बाहर निकाला गया। सभी घायलों को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर और एलएनजेपी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इनमें से 6 लोगों की जान बचाई नहीं जा सकी।
प्रशासनिक जांच में सामने आया है कि जिन लोगों पर यह हादसा हुआ, वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की साइट पर अवैध रूप से रह रहे थे। DM बागड़िया ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और यह जांच का विषय होगा कि आखिर इतनी संवेदनशील विरासत स्थल पर कोई बिना अनुमति के कैसे रह रहा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अवैध निवास की पुष्टि होती है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि दरगाह में एक मौलवी साहब रहते हैं और कई लोग वहां उनसे ताबीज बनवाने के लिए आए थे। हादसे के समय भी लोग उसी उद्देश्य से वहां मौजूद थे। छत गिरते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। मलबा हटाने का काम देर शाम तक जारी रहा।
यमुना का जलस्तर भी खतरे के करीब
इसी बीच, दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए 204.65 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर से ऊपर है। हथिनीकुंड बैराज से 47,024 क्यूसेक और वजीराबाद से 35,130 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है, प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।