टैरिफ विवाद के बीच मोदी-पुतिन की फोन पर लंबी बातचीत, साल के अंत में भारत आएंगे रूसी राष्ट्रपति, पिछले साल दो बार रूस गए थे पीएम मोदी

https://admin.thefrontfaceindia.in/uploads/1546775052_tariff-dispute-modi-putin-phone-talk-russian-president-to-visit-india-year-end.jpg

भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर विस्तारपूर्वक बातचीत की। इस संवाद में दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को और मजबूती देने की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि यूक्रेन की स्थिति पर पुतिन से मिली जानकारी के लिए उन्होंने उनका आभार व्यक्त किया और भारत-रूस संबंधों को गहराने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि वे इस वर्ष के अंत में पुतिन की भारत यात्रा का इंतजार कर रहे हैं।


इस बातचीत से एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मॉस्को पहुंचकर क्रेमलिन में पुतिन से मुलाकात की थी। यह बैठक सुरक्षा, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित रही। रूसी मीडिया स्पूतनिक द्वारा जारी वीडियो में डोभाल ने भारत-रूस रिश्तों को "बेहद खास और ऐतिहासिक" बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से मजबूत रणनीतिक साझेदारी रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुतिन की भारत यात्रा की तारीख लगभग तय हो चुकी है।

 


रूसी एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन इस साल के अंतिम सप्ताह में भारत पहुंचेंगे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस से तेल खरीद को आधार बनाकर भारत पर पहले 25% और बाद में 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया है। ऐसे में पुतिन की भारत यात्रा को कूटनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है।


प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2024 में दो बार रूस का दौरा कर चुके हैं। जुलाई में हुई उनकी यात्रा के दौरान ही उन्होंने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।


हालांकि, मार्च 2023 में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और जबरन भेजने के आरोपों के आधार पर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह पहली बार था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देश के शीर्ष नेता पर ऐसा वारंट जारी हुआ। इसके बाद से पुतिन ने विदेश यात्राओं में भागीदारी सीमित कर दी थी और पिछले वर्ष G20 शिखर सम्मेलन में भी भारत नहीं आए थे।

 


भारत, चीन के बाद रूस से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत का रूसी तेल आयात बेहद कम था, लेकिन 2023 में यह बढ़कर 45% हो गया। वर्तमान में 2025 के पहले सात महीनों में भारत प्रतिदिन औसतन 17.8 लाख बैरल रूसी तेल खरीद रहा है, जिसकी वार्षिक कीमत 130 अरब डॉलर से अधिक है।

इसे भी पढ़ें

Latest News