वाराणसी। यूपी के कई जिलों में बाढ़ से हालात बेकाबू हैं। वाराणसी प्रयागराज समेत 12 जिलों में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हैं। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा प्रबंधन के लिए मंत्रियों की एक विशेष ‘टीम-11’ गठित की है और निर्देश दिए हैं कि सभी मंत्री अपने-अपने प्रभावित जिलों में रहकर ज़मीनी स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी करें। सीएम ने स्पष्ट किया कि कोई भी मंत्री रात में भी जिला नहीं छोड़ेगा।
वाराणसी में गंगा का कहर, सड़कों पर नावें
वाराणसी और में गंगा का पानी अब रिहायशी इलाकों में घुस गया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर रविवार सुबह 8 बजे 71.56 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 71.2 मीटर से 36 सेंटीमीटर ऊपर है। हजारों घरों में पानी भर गया है, लोग पलायन करने को मजबूर हैं। घाटों पर जलसमाधि जैसी स्थिति है—श्मशान तक डूब गए हैं और गलियों में नावें चल रही हैं बनारस में जलस्तर 24 घंटे में करीब 69 सेमी बढ़ा है और 3 सेमी प्रति घंटे की रफ़्तार से लगातार बढ़ोतरी पर है।
गंगा के कारण वरुणा में भी उफान है। तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। नदी किनारे रहने वाले लोग पलायन करने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बाढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ से 26 गांव और 21 मोहल्ले प्रभावित हैं। 1062 परिवारों के 4733 लोग विस्थापित हो चुके हैं। प्रशासन के ओर से जिले में 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए गये हैं।
प्रयागराज में जलप्रलय, एसडीएम की गाड़ी फंसी
प्रयागराज के गोविंदपुर क्षेत्र में गंगा-यमुना का पानी तेजी से बढ़ा। यहां बाढ़ के पानी में उपजिलाधिकारी (SDM) की सरकारी गाड़ी फंस गई। SDRF और NDRF की टीम ने ट्रैक्टर की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला। राहत की बात यह रही कि गाड़ी में उस समय कोई मौजूद नहीं था।
तेज बारिश और जलभराव ने बिगाड़ी जिंदगी
राज्यभर में शनिवार को औसतन 5.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, लेकिन कन्नौज और कासगंज में क्रमशः 51.3 मिमी और 45.3 मिमी बारिश के साथ हालात और खराब हो गए। मौसम विभाग ने आज 71 जिलों में वर्षा का अलर्ट जारी किया है, जिनमें से 7 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। अमेठी, फतेहपुर, जौनपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव सहित 9 जिलों में अगले 3 घंटे में मूसलधार बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
लखीमपुर में सड़क पर मगरमच्छ, गोंडा में घाघरा उफनाई
लखीमपुर खीरी में नदी किनारे बसे इलाकों में मगरमच्छ निकलकर सड़कों पर पहुंच गए। सिंघाई थाना क्षेत्र में लोग उस समय डर गए जब एक मगरमच्छ सड़क पार करता दिखा। सूचना पर वन विभाग की टीम रवाना हुई, लेकिन उससे पहले ही मगरमच्छ वहां से भाग निकला।
गोंडा जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से महज एक सेंटीमीटर नीचे बह रही है। सरयू, शारदा और गिरजा बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण देर शाम तक जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। निचले इलाकों में पानी घुसने से लोग नाव से आना-जाना कर रहे हैं।
अयोध्या, फतेहपुर, प्रतापगढ़ में भी हालात नाज़ुक
अयोध्या में पिछले 12 घंटे से रुक-रुक कर तेज बारिश जारी है। सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। फतेहपुर के खजुहा और अमौली क्षेत्र के गांवों में यमुना नदी का पानी घुस चुका है, जिससे रपटा पुल डूब गया है और संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। नोन नदी में भी बाढ़ के कारण सड़कों पर चार फीट तक पानी बह रहा है।
प्रतापगढ़ के लालगंज में भारी बारिश के कारण दो फीट तक पानी भर गया है। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कैंप कार्यालय भी जलमग्न हो गए हैं।
लखनऊ में जलजमाव, प्रयागराज में 5 घंटे से मूसलधार बारिश
राजधानी लखनऊ में सुबह से ही तेज बारिश से सड़कों पर जलभराव हो गया है। वहीं प्रयागराज में पिछले 5 घंटे से लगातार मूसलधार बारिश हो रही है। सिविल लाइंस समेत कई इलाकों में दो फीट तक पानी भर चुका है। यहां गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।
प्रशासन सतर्क, राहत शिविरों का निरीक्षण जारी
प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने देर रात राहत शिविरों का निरीक्षण किया और आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया। शासन की ओर से जनता को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों अथवा बाढ़ राहत शिविरों में स्थानांतरित होने की अपील की गई है।