वाराणसी/प्रयागराज/सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण नदियाँ उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे वाराणसी के प्रसिद्ध घाट जलमग्न हो गए हैं और प्रयागराज में कई इलाकों में पानी घुस गया है। सोनभद्र और मिर्जापुर में भी बारिश और बांधों से पानी छोड़ने के कारण मुश्किलें बढ़ गई हैं, जबकि चित्रकूट में मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को मदद का आश्वासन दिया है।
वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप: घाट और मंदिर डूबे
वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के 84 घाट पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बुधवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 68.94 मीटर रिकॉर्ड किया गया, और इसमें 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। यह चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) से केवल 1.56 मीटर नीचे है।
अस्सी घाट पर 'सुबह-ए-बनारस' का मंच और अधिकांश हिस्सा पानी में समा गया है, जिससे श्रद्धालु अब घाट पर ही स्नान कर रहे हैं। दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस चौकी तक पानी पहुँच गया है, और यहाँ होने वाली गंगा आरती अब सांकेतिक रूप से गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत से की जा रही है।
शीतला माता मंदिर में पानी प्रवेश कर चुका है और देर शाम तक मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गया, केवल इसका ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। मान्यता है कि गंगा शीतला माता के चरणों को छूने के लिए रौद्र रूप धारण करती हैं। गंगा के मंदिर में प्रवेश के कारण माँ शीतला का मुखौटा आरती के बाद अहिल्याबाई स्टेट के अहिलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित कर दिया गया है।
मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर भी शवदाह करने में भारी समस्या आ रही है। पानी भरने के कारण अब शवों का अंतिम संस्कार छतों और गलियों में किया जा रहा है। नमो घाट पर 'नमस्ते स्कल्पचर' का निचला हिस्सा भी पानी में डूब गया है, और अस्सी से राजघाट के बीच कई मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं, जिनके सिर्फ शिखर ही नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
प्रयागराज में यमुना-गंगा का तांडव: घरों में घुसा पानी, श्मशान घाट भी जलमग्न
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियाँ उफान पर हैं, जिससे कछारी इलाके जलमग्न हो रहे हैं और शहर के 15 से अधिक मोहल्लों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नागवासुकी, छोटा बघाड़ा, सलोरी, नेवादा और दारागंज जैसे इलाकों के घरों में पानी घुसना शुरू हो गया है, जिससे लाखों लोग दहशत में हैं।
दारागंज श्मशान घाट पर भी पानी भर गया है और तेज बहाव के कारण अंतिम संस्कार बंद कर दिया गया है। मजबूरन, शवों का अंतिम संस्कार अब दारागंज से संगम जाने वाली सड़क, यानी मोरी रोड पर किया जा रहा है। प्रसिद्ध लेटे हनुमानजी के गर्भगृह में भी नदियों का पानी पहुँच गया है, और बलुआघाट की बारादरी भी डूब गई है।
अन्य जिलों में भी बाढ़ का कहर
सोनभद्र: छत्तीसगढ़ और झारखंड में हो रही बारिश का असर सोनभद्र के कनहर बांध पर दिखाई दे रहा है। बांध का जलस्तर 256 मीटर तक पहुँच गया है, जिसके चलते बांध के चार गेट खोलकर 1200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
मिर्जापुर: मिर्जापुर में नटवा रेलवे ब्रिज के नीचे बारिश का पानी भर गया, जिसमें एक सरकारी गाड़ी फंस गई। पानी भरने के बाद पुलिसकर्मी सीट पर बैठ गए और स्थानीय लोगों ने गाड़ी को धक्का देकर बाहर निकाला।
चित्रकूट: मंदाकिनी नदी में बाढ़ के बाद हालात का जायजा लेने के लिए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह चित्रकूट पहुँचे। एक पीड़ित कारोबारी मंत्री के पैरों में गिरकर रोने लगा, जिसकी दुकान बह गई थी। मंत्री ने उसे उठाकर पानी पिलाया और सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
पूरे यूपी में बारिश का अलर्ट
यूपी में मानसून जमकर बरस रहा है। मंगलवार को लखनऊ, उन्नाव, बलिया, हाथरस सहित 57 जिलों में औसतन 6.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें कन्नौज में सर्वाधिक 41.5 मिमी बारिश हुई। 1 जून से 15 जुलाई तक यूपी में कुल 231.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 5% अधिक है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी 53 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज हवाएं और बिजली गिरने की भी संभावना है।