काशी का अनोखा बैंक, जहां राम नाम का मिलता है कर्ज, कठिन साधना के बाद पूरी होती है मुराद, अब तक 19 अरब से अधिक की संपत्ति है जमा

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वाराणसी। भूतभावन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसी पवित्र शहर में एक ऐसा अनोखा बैंक स्थित है, जहां पैसे नहीं, बल्कि भगवान राम के नाम की पूंजी जमा होती है। सबसे बड़ी बात कि यह बैंक सरकारी नियंत्रण में नहीं, बल्कि भगवान राम के भक्तों द्वारा संचालित किया जाता है और इसका संचालन विश्वनाथ मंदिर के समीप किया जाता है। 

 


19 अरब राम नाम की पूंजी संचित


राम रमापति बैंक नामक इस अनोखे संस्थान में भक्तों द्वारा हस्तलिखित "राम नाम" जमा किया जाता है। बैंक के संचालक विकास मल्होत्रा के अनुसार, वर्षों से इस बैंक में भक्तों की आस्था बढ़ती जा रही है, जिससे राम नाम की पूंजी भी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में, यहां 19 अरब से अधिक बार भगवान राम का नाम संचित किया जा चुका है, जो एक अलग ही रिकॉर्ड है। जिस प्रकार बैंक में धन जमा किया जाता है, वैसे ही इस बैंक में राम नाम की संपत्ति जमा है।

 


भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण


यह मान्यता है कि इस बैंक से जुड़ने और नियमों का पालन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस बैंक में एक विशेष प्रक्रिया के तहत भक्तों को भगवान राम के नाम का "कर्ज" दिया जाता है। यह कर्ज पैसे का नहीं, बल्कि राम नाम लिखने का होता है।


राम नाम का संकल्प लेकर 8 माह तक होती है साधना


इस बैंक से "कर्ज" लेने के इच्छुक भक्तों को एक शपथ पत्र भरना होता है, जिसमें उन्हें 8 महीने 10 दिनों तक प्रतिदिन 500 बार "राम नाम" लिखने का संकल्प लेना पड़ता है। इस अवधि के दौरान भक्तों को केवल सात्विक भोजन ग्रहण करने की अनुमति होती है। इस अनुशासन के माध्यम से भक्त सवा लाख बार राम नाम का लेखन पूरा करते हैं और इसे बैंक में जमा कर देते हैं। माना जाता है कि जो भी इस प्रक्रिया को श्रद्धा और समर्पण के साथ पूरा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।


निःशुल्क मिलती है लेखन सामग्री 


बैंक अपने भक्तों को राम नाम लेखन के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कागज और कलम निःशुल्क प्रदान करता है। इसके लिए भक्तों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। भक्त अपनी निर्धारित अवधि में लेखन कार्य पूरा करने के बाद इन हस्तलिखित पृष्ठों को बैंक में जमा कर देते हैं। इन पृष्ठों को बैंक में विशेष रूप से संजोकर रखा जाता है, जिससे इसकी पूंजी लगातार बढ़ती रहती है।

 


राम नवमी पर भक्तों के लिए विशेष दर्शन


राम नवमी के पावन अवसर पर, इस अनोखे बैंक में भक्तों को राम नाम की इस अपार पूंजी के दर्शन कराए जाते हैं। हजारों श्रद्धालु इस दिन बैंक में भगवान राम के नाम की संचित पूंजी को देख कर अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।

 


बाल रूप में विराजते हैं भगवान राम


इस मंदिर में भगवान राम युवा नहीं बल्कि, बाल रूप में मौजूद हैं। इसी कारण यहां भगवान को खिलौने अर्पित किया जाता है। 


कैसे पहुंचे यहां?


काशी का प्रसिद्ध राम रमापति बैंक बाबा विश्वनाथ मंदिर के अत्यंत निकट दशाश्वमेध के पास त्रिपुरा भैरवी गली में स्थित है। कैंट स्टेशन से 7 किमी की दूरी पर गोदौलिया पहुंच कर यहां आ सकते हैं।

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