वाराणसी में एक अघोरी साधु पर धार्मिक दीक्षा देने के नाम पर एक महिला से अभद्रता, अश्लीलता और दुष्कर्म का प्रयास करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित महिला ने पुलिस पर शिकायत दर्ज करने में लापरवाही और कार्रवाई न करने का आरोप लगाया।
साधु के संपर्क में सोशल मीडिया के जरिए आई महिला
पीड़िता ने बताया कि वह और उसका पति सोशल मीडिया के माध्यम से तमिलनाडु के एक अघोरी साधु, राजगोपाल मणिकंदन, के संपर्क में आए। साधु ने उन्हें अपने आश्रम "श्री जय अघोरकाली थिरुकोविल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट" में आने का न्योता दिया और उन्हें ट्रस्ट का सदस्य बना दिया। इसके बाद साधु ने काशी के मणिकर्णिका घाट पर धार्मिक दीक्षा देने की बात कही।
काशी पहुंचकर शुरू हुआ घटनाक्रम
23 दिसंबर को महिला अपने पति के साथ वाराणसी पहुंची और चौक क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में रुकी। उसी रात साधु ने उन्हें गंगा पार मणिकर्णिका घाट पर ले जाकर तंत्र साधना और हवन करने को कहा। महिला ने इसका विरोध किया, लेकिन साधु ने उसे आदेश दिया कि वह अपने पति को वापस कोलकाता भेज दे। साधु के आदेश पर पीड़िता का पति अगले दिन घर लौट गया।
गेस्ट हाउस में अश्लीलता का आरोप
महिला के मुताबिक, पति के जाने के बाद साधु के शिष्यों ने उसे गेस्ट हाउस के कमरे में बुलाया। वहां साधु और उसके शिष्य मौजूद थे और गांजा पी रहे थे। महिला को भी गांजा पीने और साधु के प्रति खुद को समर्पित करने के लिए मजबूर किया गया। उसने इसका विरोध करते हुए वहां से लौट आई।
25 दिसंबर को साधु ने उसे फिर से गेस्ट हाउस बुलाया। इस बार उसने पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। किसी तरह वह वहां से भागने में सफल रही। इसके बाद साधु के शिष्यों ने उसे फिर जबरन कमरे में बुलाया और साधु ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।
पुलिस ने की लापरवाही, महिला बेहोश हुई
पीड़िता ने चौक थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। तहरीर लिखवाने के लिए वह बार-बार थाने के चक्कर लगाती रही। थाने में कोई कार्रवाई न होते देख वह सदमे में आ गई और थाने परिसर में बेहोश हो गई। इसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
एनसीआर दर्ज होने में हुई देरी
महिला के बेहोश होने और अस्पताल में इलाज के बाद 1 जनवरी को उसे डिस्चार्ज किया गया। घटना की जानकारी मिलने पर उसका पति कोलकाता से वापस वाराणसी पहुंचा। पुलिस ने मामला बढ़ता देख 3 जनवरी को आरोपी साधु के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर ली।
महिला ने अदालत से लगाई न्याय की गुहार
महिला ने बताया कि जब वह अपने पति के साथ गेस्ट हाउस पहुंची तो कुछ लोगों ने उनका वीडियो बनाकर मामले को तोड़-मरोड़ने की कोशिश की। पीड़िता ने अब न्याय के लिए कोर्ट का रुख किया है।
एसीपी ने दिया आश्वासन
दशाश्वमेध क्षेत्र के एसीपी धनंजय मिश्रा ने कहा कि महिला की शिकायत पर साधु के खिलाफ छेड़खानी और दुष्कर्म के प्रयास के आरोपों में एनसीआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट मांगी है, और पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया है। एसीपी ने आश्वासन दिया कि आगे की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाएगी।